स्वतंत्रता के बाद से ही सीमावर्ती राज्य जम्मू कश्मीर में होने वाले आतंकी हमलों की घटनाये सामने आती रहती हैं। पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में एक बार फिर सेना और आतंकियों के बीच जंग छिड़ गयी। दरअसल पुलवामा जिले के अरिहाल गांव में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच 30 नवंबर को देर रात मुठभेड़ शुरू हो गई।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि खुफिया इनपुट के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत सुरक्षाबलों ने घेरा डाला गया और संपर्क स्थापित किया। जिसके बाद कई घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद एक आतंकवादी मारा गया। ये मुठभेड़ इस स्थानीय लश्कर आतंकवादी की हत्या के साथ समाप्त हो गयी है। मारे गए आतंकवादी की पहचान लश्कर के शोपियां के किफायत अयूब अली के रूप में की गई है। जिसके बाद आधी रात में ऑपरेशन बंद कर दिया गया। इसके साथ ही सेना ने हथियार और उनके ठिकाने का भी सफाया कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार अभी तक आतंकवादी की पहचान और समूह का तत्काल पता नहीं चल पाया है। इस मुठभेड़ में अब तक किसी सुरक्षाबलों के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।
इससे पहले भी हुई थी हिंसा
इससे पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में 23 नवंबर 2023 को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के 2 ऑफिसर समेत 3 जवान शहीद हो गये थे। जिसके बाद विरोध में सेना ने अपनी कार्रवाई में 2 आतंकियों को मार गिराया था ।
इस ऑपरेशन के दौरान राजौरी में जो एनकाउंटर हुआ लश्कर के कमांडर उसे मिनट-टू-मिनट मॉनिटर कर रहे थे। मारा गया आतंकी पाकिस्तान का निवासी था और उसे लश्कर का टॉप कमांडर कहा जा रहा था। कालाकोट के जंगल में मुठभेड़ के दौरान पाकिस्तान की तरफ से इस आतंकी को ड्रोन के जरिए हथियार देने की भी कोशिश की गई थी लेकिन सेना ने इसको नाकाम कर दिया।
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