अयोध्या के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ की जमीन पर बनने जा रहे मस्जिद कॉम्पलेक्स में किसी भी मुगल शासक का जिक्र नहीं होगा बल्कि ये कॉम्लेक्स 1857 की जंग के स्वतंत्रता सेनानी अहमदुल्ला शाह उर्फ ‘मौलवी फैजाबादी ‘ को डेडिकेटेड रहेगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) में इस मस्जिद का नाम मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर रखने की बाबत विचार-विमर्श
मस्जिद को फिलहाल धन्नीपुर मस्जिद ही कहा जाएगा लेकिन इसके अंदर बनने जा रहे इंडो इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर को अहमदुल्ला शाह के नाम रखने की पेशकश की गई है। अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तैयार किए गए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) में इस मस्जिद का नाम मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर रखने की बाबत विचार-विमर्श चल रहा है।
आधुनिक डिजाइन वाली मस्जिद के साथ ही इस परिसर में एक 200 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, एक म्यूजियम और आर्काइवल सेंटर भी होगा। इसके अलावा, इसमें एक लाइब्रेरी और एक कम्युनिटी किचेन भी बनाई जाएगी।
मौलवी अहमदुल्ला शाह
मौलवी अहमदुल्ला शाह 1857 के विद्रोह के एक अहम किरदार रहे हैं। अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ इसी जंग में उन्होंने अपना बलिदान दिया। इतिहासकार राम शंकर त्रिपाठी एक मीडिया संसथान को उनके बारे में एक दिलचस्प तथ्य बताते है। वे कहते हैं, “अहमदुल्ला शाह एक सेनापति थे। वे हाथी पर हौदे में बैठकर चलते थे। उनके आगे एक हाथी चलता था जिस पर एक डंका (नगाड़ा) बजता हुआ चलता था।
इस वजह से उनका नाम डंका शाह पड़ गया था और ज़्यादातर लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। “वे फ़ैज़ाबाद के मौलवी के नाम से जाने जाते हैं। मौलवी अहमदुल्ला शाह ने लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली और अवध के दूसरे हिस्सों में क्रांति का नेतृत्व किया और उनकी वजह से कई जगहों पर विद्रोहियों को अंग्रेज़ी फौजों को हराने में कामयाबी भी मिली।