गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ़्तार किए गए पिंजड़ा तोड़ संगठन की कार्यकर्ताओं, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा को दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार,15 जून को ज़मानत दे दी। इन सभी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांप्रदायिक दंगा मामले में गिरफ़्तार किया गया था। तीनों को कई और मामलों में ज़मानत मिल चुकी है जिसके बाद अब ये जेल से बाहर आ सकते हैं।
बीबीसी के संवाददाता कीर्ति दुबे के मुताबिक़, इन सभी को दंगों से जुड़ी एफ़आईआर नंबर 59 में ज़मानत मिली है जिसमें UAPA की धाराएं लगी थीं।
Delhi High Court grants bail to Pinjra Tod activists Devangana Kalita and Natasha Narwal and Jamia student Asif Iqbal Tanha, arrested under Unlawful Activities (Prevention) Act, in connection with northeast Delhi violence case. pic.twitter.com/H15zC7lQHy
— ANI (@ANI) June 15, 2021
हाईकोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे अपना पासपोर्ट जमा करें । साथ ही हाइकोर्ट ने यह भी कहा कि वे न ही गवाहों को प्रभावित करें और न ही सबूतों से छेड़खानी करें।
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दिल्ली दंगों में क्या-क्या हुआ और कितनी एफ़आईआर दर्ज हुईं और कौन लोग गिरफ़्तार हुए इसको लेकर अभी भी दिल्ली पुलिस की ओर से विस्तृत जानकारी नहीं मिली है। जिसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं में अभी भी रोष है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगा मामले के तीनों आरोपियों को अपने-अपने पासपोर्ट जमा करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को भी उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों के मामले में जमानत दी।
यह तीनों कार्यकर्ता पिछले वर्ष से ही दिल्ली की जेलों में कैद थे। देवांगना और नताशा को पहले भी कोर्ट ने कुछ मामलों में बेल जरूर दे दी थी लेकिन पुलिस ने उनके ऊपर कई और मामले दर्ज कर रखे थे। इसी वजह से वह जमानत पर रिहा नहीं हो सकी थीं।