Uttarakhand

गौचर में त्रिकोणीय मुकाबला

 

  •    के.एस. असवाल
  • गौचर पालिका परिषद में भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार ने मैदान में उतकर चुनाव को रोमांचक बना दिया है और मुकाबला त्रिकोणीय बनता नजर आ रहा है। ऐसे में अब देखना है कि नगर की जनता किस प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताती है। हालांकि आने वाले 25 जनवरी को मतगणना के बाद तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी। वर्ष 2016 में गठित जनपद चमोली की गौचर नगर पालिका का इस बार दूसरा चुनाव होने जा रहा है। अध्यक्ष का पद अनारक्षित होने से भाजपा और कांग्रेस पार्टी के अलावा दो निर्दलीयों के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है।
    गौचर वर्ष 1985 के दौरान नगर पंचायत के रूप में घोषित किया गया यहां नगर पंचायत का पहला चुनाव 1989 में हुआ था हालांकि इस चुनाव का क्षेत्र वासियों ने घोर विरोध किया था। तब लेकिन तिकड़मबाजी के चलते इस निकाय चुनाव के अध्यक्ष पद पर अधिवक्ता महाराज सिंह लिंगवाल अध्यक्ष पर काबिज हुए थे। इसके पश्चात इस निकाय चुनाव को अध्यक्ष पद के लिए अनसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था। तब भाजपा समर्थित धूमीलाल को कामयाबी मिली थी।
  • वर्ष 2002 में पृथक राज्य गठन के पश्चात पहली बार हुए निकाय चुनाव में यहां अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित पद होने पर कांग्रेस समर्पित शिवदेई आर्य को जनता का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इसके पश्चात वर्ष 2007 में हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित मुकेश नेगी को कामयाबी हासिल हुई। वर्ष 2012 में हुए गौचर नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद अनारक्षित ही रखा गया था तब मुकेश नेगी पुनः अपना भाग्य अजमाने के लिए मैदान में उतरे थे तब जनता ने उन्हें दूसरी बार भी सर आंखों पर बिठाया था। तब उन्होंने प्रदेश में अपनी सरकार का भरपूर फायदा उठाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से गौचर नगर पंचायत को वर्ष 2016 में नगरपालिका का दर्जा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2018 में पालिका के रूप में पहली बार हुए चुनाव के लिए अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया तो भाजपा ने पनाई गांव निवासी जयकृत बिष्ट की पत्नी अंजु बिष्ट को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने जिला योजना समिति की सदस्य रही इंदू पंवार पर दांव लगाया था।इस चुनाव में भाजपा से नाराज होकर पहली बार नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर रहे अधिवक्ता महाराज सिंह लिंगवाल ने सेवानिवृत्ति अध्यापिका मीना लिंगवाल को भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अन्जू बिष्ट को 32 वोटों से जीत हासिल हुई थी। इस बार नगर पालिका के रूप में दूसरी बार हो रहे चुनाव के लिए अध्यक्ष का पद अनारक्षित होने पर भाजपा ने तीन बार अलग-अलग वार्डों से चुनाव जीतने वाले अनिल नेगी को मैदान में उतारा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने पूर्व में मंडी समिति के अध्यक्ष रहे संदीप नेगी पर दांव लगाया है वहीं कांग्रेस से टिकट ना मिलने से नाराज पूर्व में चुनाव लड़ चुकी इन्दू पंवार के पति कांग्रेस नगर अध्यक्ष रहे सुनील पंवार ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है। भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज अनुसूचित जाति के प्रवेंद्र कुमार भी निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे हैं। ऐसे में इस बार का मुकाबला काफी संघर्षपूर्ण दिखाई दे रहा है। आठ हजार से भी ज्यादा मतदाता किसके सिर पर ताज सजाते हैं यह तो 25 जनवरी को मतगणना के बाद स्पष्ट होगा।

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