आयोवा और न्यू हैम्पशायर में ट्रम्प की जीत के बाद अब केवल नम्रता निक्की रंधावा हैली जो दक्षिण कैरोलाइना प्रांत की गवर्नर हैं, ट्रम्प को चुनौती देती नजर आ रही हैं। गौरतलब है कि रिपब्लिक पार्टी के अन्य उम्मीदवार ट्रम्प के समर्थन में अपना नाम वापस ले चुके हैं। वहीं ट्रम्प पर 2020 के चुनाव नतीजों को पलटने के आरोप पर अपील कोर्ट ने माना है कि व्हाइट हाउस में किए गए कृत्यों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। ऐसे में ट्रम्प की राह में ऐसे कई कानूनी पेंच हैं जिन्हें पार पाना आसान नहीं है
संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका में कुछ ही महीनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव होने हैं जिसको लेकर अमेरिकी चुनावी पार्टियों के बीच घमासान जारी है। अमेरिकी चुनाव व्यवस्था के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों को हरेक राज्य में अपने-अपने दल के प्रत्याशियों संग प्रतिस्पर्धा में भाग लेना होता है। सबसे अधिक राज्यों में जीत दर्ज कराने वाला प्रत्याशी ही राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ता है। आयोवा और न्यू हैम्पशायर में ट्रम्प की जीत के बाद भारतीय मूल की नम्रता निक्की रंधावा हैली जो वर्तमान में दक्षिण कैरोलाइना प्रांत की गवर्नर हैं, ट्रम्प को चुनौती देती नजर आ रही हैं वहीं ट्रम्प की राह में कई कानूनी पेंच हैं जिन्हें पार पाना आसान नहीं लग रहा है।
दो बार महाभियोग का सामना कर चुके ट्रम्प पर 91 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में ट्रम्प पर 2020 के चुनाव नतीजों को पलटने का आरोप है। जिस पर अपील कोर्ट ने माना है कि 6 जनवरी 2021 को व्हाइट हाउस में किए गए कृत्यों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। फेडरल अपील कोर्ट ने ट्रम्प के उस दावे को भी खारिज कर ट्रम्प को बड़ा झटका दिया है जिसमें उन्होंने मुकदमे से बचने के लिए कानूनी प्रतिरक्षा यानी ‘लीगल इम्यूनिटी’ होने का दावा किया था। लीगल इम्यूनिटी असल में उस स्थिति में होती है जब किसी व्यक्ति या संस्था को कानून के उल्लंघन के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता। खास बात यह है कि अमेरिका के इतिहास में पहली बार किसी अपील कोर्ट के सामने ऐसा केस आया जिसमें किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने पर बहस हुई और फैसला भी आया। अदालत के सामने सवाल यह था कि क्या किसी पूर्व राष्ट्रपति को सिर्फ इसलिए गुनहगार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि घटना के समय वो देश का प्रेसिडेंट था। उसने पद पर रहते हुए इस तरह का अपराध किया है।
गौरतलब है कि अमेरिका में जजों की नियुक्ति राजनीतिक पार्टियां ही करती हैं। जिस पैनल ने गत सप्ताह 6 फरवरी को फैसला सुनाया उसमें शामिल दो जज डेमोक्रेट और एक रिपब्लिकन पार्टी ने नियुक्त किया था। पैनल ने कहा- ये सही है कि प्रेसिडेंट रहने की वजह से प्रेसिडेंट को काफी पावर्स हासिल हैं, लेकिन कानून सबके लिए एक ही है। हमारे लिए इस समय पूर्व राष्ट्रपति भी बाकी अमेरिकी नागरिकों की तरह ही है।
ट्रम्प के खिलाफ एडमिनिस्ट्रेशन और जांच एजेंसियों 2020 के बाद कई केस दर्ज कराए थे। इनमें चुनाव नतीजे पलटने की साजिश से लेकर संसद पर हमले को न रोक पाने का केस भी शामिल है। पिछले दिनों ट्रम्प की लीगल टीम ने इस केस की सुनवाई टलवाने की नाकाम कोशिश की थी। ट्रम्प इस वक्त रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की रेस में सबसे आगे हैं। 13 फरवरी को कैरोलिना प्राइमरी में उनका मुकाबला निक्की हेली से होगा। ऐसे में ट्रम्प के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रम्प दूसरी बार राष्ट्रपति बन पाएंगे? ट्रम्प के चुनावी अभियान से क्या केस पर कोई प्रभाव पड़ेगा? केस पेंडिंग होते हुए अगर ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बन गए तो क्या होगा?
अमेरिकी कानूनविदों की मानें तो अब ट्रम्प के पास दो विकल्प हैं। पहला ये कि वो अपील कोर्ट के फैसले को सीट्टो सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करें या फिर वो इसकी रिव्यू की अपील करें। अगर वो सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं तो मामले का निपटारा जल्द हो सकता है और हो सकता है कि फैसला उनके हक में न आए लेकिन अगर वो अपील कोर्ट में ही जाते हैं तो सुनवाई में वक्त लग सकता है और इससे ट्रम्प को ही फायदा होगा। अमेरिकी जानकारों का कहना है कि ट्रम्प को इन आरोपों का ताप झेलना पड़ सकता है। दोषी के रूप में उनकी प्रचार करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। वहीं ‘ट्रम्प यूनिवर्सिटी लॉ एंड गवर्नमेंट’ के प्रोफेसर क्रेग ग्रीन ने कहा कि ट्राम्प का आपराधिक अभियोगों का सामना करना अभूतपूर्व है। वह प्राथमिक सीजन के दौरान परीक्षण के लिए जा सकते हैं।
क्या ट्रम्प को चुनाव प्रचार से रोक सकता है महाभियोग?
केवल आरोप तय होने से ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर वह दोषी भी ठहराए जाते हैं तो कोई भी आरोप उन्हें राष्ट्रपति पद ग्रहण करने से रोक नहीं सकता। भले ही उनके ऊपर कई मामले चल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वह स्वतंत्र रूप से चुनाव प्रचार कर सकते हैं। ट्रम्प को अगर जेल भी भेजा जाता है, तो भी वह प्रचार करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
चुनावी अभियान से केस पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ संघीय आपराट्टिाक आरोपों ने पूर्व राष्ट्रपति के बारे में अमेरिकियों के विचारों को बदला है। रॉयटर्स/इप्सोस पोल के मुताबिक, उन्हें रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन की दौड़ में कमांडिंग लीड बनाए हुए दिखाया गया है। ट्रम्प ने अपने केसों को एक फंड रेसिंग टूल की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने समर्थकों से हमेशा यही कहा कि उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है और उन्हें पूरे सहयोग की जरूरत है।
ट्रम्प के चुनावी अभियान के अनुसार,न्यूयॉर्क में अप्रैल महीने में जब उन पर अभियोग केस चला तो इस दौरान डोनेशन में वृद्धि हुई थी। रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए ट्रम्प के अट्टिाकांश प्रतिद्वंद्वी उनके समर्थन में आ गए हैं, रिपब्लिकन मतदाताओं के बीच उनके लिए व्यापक समर्थन दिया गया है।
ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बन गए तो क्या?
अगर ट्रम्प नवंबर 2024 का चुनाव जीतते हैं तो अभियोजन पक्ष के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। अमेरिकी न्याय विभाग कार्यकारी शाखा का हिस्सा है और राष्ट्रपति देश में शीर्ष संघीय कानून प्रवर्तन अट्टिाकारी हैं। अमेरिकी न्याय विभाग की दशकों पुरानी नीति है कि एक मौजूदा राष्ट्रपति पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
गिरफ्तारी के बाद चुनाव लड़ पाएंगे ट्रम्प?
अदालत द्वारा ट्रम्प को दोषी पाया जाता है, तो भी वह कानूनी रूप से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकेंगे। अमेरिकी संविट्टाान के लिए केवल यह आवश्यक है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अमेरिकी नागरिक हों जो कम से कम 35 वर्ष के हों और 14 वर्षों से देश में रह रहे हों। नियमों के मुताबिक, राष्ट्रपति के लिए दोषी अपराट्टाी या यहां तक कि सलाखों के पीछे रहकर भी चुनाव लड़ने के लिए कोई कानूनी बाट्टाा नहीं है। इसलिए ट्रम्प दोषी पाए जाते हैं तो भी कानूनी रूप से चुनाव लड़ सकते हैं।
आपराधिक मामले
चुनाव हस्तक्षेप मामला: वर्ष 2020 में चुनाव के बाद ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत को विफल करने के लिए काफी मानदंडों को अपनाया था। ट्रम्प और उनके सलाहकारों ने मतदाता धोखाधड़ी के बारे में गलत जानकारी फैलाकर, रिपब्लिकन राज्य के अट्टिाधकारियों से उन राज्यों में परिणामों को कमजोर करने का आग्रह किया जहां बिडेन जीते थे। मतदाताओं की झूठी सूची इकट्ठी की गई और उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर एकतरफा वैट्टा परिणामों को खारिज करने का दबाव डाला। जब 6 जनवरी को ट्रम्प समर्थकों की भीड़ ने अमेरिकी कैपिटल वाशिंगटन डीसी पर ट्टाावा बोला और अशांति फैलाने की कोशिश की गई तब संसद के विशेष वकील जैक स्मिथ के नेतृत्व में संघीय अभियोजकों ने ट्रम्प की इन साजिशों का पर्दाफाश किया।
जॉर्जिया चुनाव मामला: वर्ष 2020 के चुनाव में अपनी हार को पलटने के ट्रम्प के प्रयास शायद जॉर्जिया राज्य में सबसे आक्रामक रहे। कई पुनर्गणनाओं से पुष्टि हुई कि राष्ट्रपति जो बिडेन राज्य के 16 चुनावी वोटों की दौड़ में मामूली अंतर से आगे रहे थे, लेकिन ट्रम्प और उनके सहयोगियों ने मतदाता ट्टाोखाट्टाड़ी के बारे में झूठ फैलाया, जॉर्जिया के अट्टिाकारियों और राज्य के सांसदों से बिडेन की जीत को उलटने का आग्रह किया। इतना ही नहीं वाशिंगटन में नकली मतदाताओं को भेजने की साजिश भी रची गई। 2 जनवरी, 2021 को, ट्रम्प ने जॉर्जिया के राज्य सचिव, ब्रैड रैफेंसपर्गर को फोन किया और उनसे 11,780 वोट को बदलने के लिए आग्रह किया, क्योंकि बिडेन को हराने के लिए ट्रम्प को इतने ही वोटों की आवश्यकता थी। ‘फुल्टन काउंटी’ के जिला ‘अटॉनज्फनी विलिस’ ने ट्रम्प और उनके 18 सहयोगियों पर ट्टाोखाट्टाड़ी करने का आरोप लगाया।
दस्तावेज मामला: विशेष वकील जैक स्मिथ और उनकी टीम ने ट्रम्प पर जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ते समय अपने साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण दस्तावेज ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने उन दस्तावेजों को अपने पूरे ‘मार-ए-लागो’ रिजॉर्ट में बेतरतीब ढंग से छिपा दिया और सरकार के बार-बार के प्रयासों में बाट्टाा डाली। अभियोजकों का कहना है कि कम से कम दो मौकों पर, ट्रम्प ने उन व्यक्तियों को वर्गीकृत दस्तावेज दिखाए जो उन्हें देखने के लिए अट्टिाकृत नहीं थे। उन एपिसोडों में से एक के दौरान- जिसे ऑडियो-रिकॉर्ड किया गया था – ट्रम्प ने कथित तौर पर हमले की एक शीर्ष-गुप्त सैन्य योजना प्रदर्शित की, जबकि आगंतुकों से कहा, ‘राष्ट्रपति के रूप में मैं इसे सार्वजनिक कर सकता था’ लेकिन ‘अब मैं नहीं कर सकता, दस्तावेज में उन्होंने कहा उन्हें दिखा रहा था कि यह ‘अभी भी एक रहस्य है।’
दी हश मनी केस: ट्रम्प पर एक पोर्न स्टार स्टॉमडेनियल्स के साथ यौन संबंट्टा बनाने और उसे पैसे देकर मुंह बंद करने को कहा गया। जो पैसे स्टॉम को दिए गए उसके लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप है। अभियोजकों के अनुसार, ट्रम्प के निजी वकील और उस समय के ‘फिक्सर’ माइकल कोहेन ने अक्टूबर 2016 में डेनियल को 130,000 डॉलर का भुगतान किया था। इसके बाद व्हाइट हाउस में रहते हुए, ट्रम्प ने अपनी कंपनी द्वारा इन पैसों के भुगतान की रसीद बना कर पेश की थी। ट्रम्प ने न्यूयॉर्क कानून का उल्लंघन करते हुए भुगतान की गई उन किश्तों को कॉर्पाेरेट कानूनी खर्चों के ब्योरे में पेश कर सच्चाई को छुपाया था।
सियासी भविष्य पर असर
जीत की ओर लगातार बढ़ रहे ट्रम्प के कदमों पर कोर्ट के फैसले से रोक लगने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। इसके बाद इन मुकदमों की तारीख का असर भी ट्रम्प के राजनीतिक भविष्य पर देखने को मिल सकता है। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की दौड़ में ट्रम्प अभी सबसे आगे चल रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में उनकी रफ्तार ट्टाीमी पड़ सकती है। रिपब्लिकन पार्टी मुकदमे की तारीख में देरी की उम्मीद कर रही है। अगर चुनाव में ट्रम्प राष्ट्रपति जो बाइडेन को हरा देते हैं, तो वह अपने ऊपर चल रहे मामलों को खारिज करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में अमेरिका का संविट्टाान भी खतरे में आ सकता है। क्योंकि सत्ता में आने के बाद ट्रम्प अटॉर्नी जनरल को आदेश देने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करेंगे या वह अपने लिए माफी की मांग कर सकते हैं।