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अमेरिका ने सऊदी को F-35 फाइटर जेट बेचे जाने के फैसले पर लगाई रोक

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही काफी अहम फैसले लिए हैं। उनके प्रशासन द्वारा लिये गये एक फैसले को सुनकर सऊदी अरब को काफी बड़ा झटका लगा। दरअसल जो बाइडन ने सऊदी को F-35 फाइटर जेट बेचे जाने के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। बाइडन यहीं नहीं थमे, उन्होंने कहा कि अमेरिका के पुराने सहयोगी सऊदी अरब को हथियार बेचे जाने के फैसले को भी रिव्यू किया जाएगा।

यह दोनों फैसले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान हुए थे। सऊदी को हथियार बेचें जाने पर अमेरिका और ईऱान के बीच तनाव बढ़ गया है। अब बाइडन प्रशासन ने साफ कह दिया है कि आर्म्स डील के मामले में सभी पक्षों को फिर से देखा जाएगा और इसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

इस बात की जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने दी, बुधवार 27 जनवरी को अपनी पहली प्रेस ब्रीफिंग में ब्लिंकेन ने कहा कि समीक्षा का उद्देश्य “यह सुनिश्चित करना है कि जिस पर विचार किया जा रहा है वह कुछ ऐसा है जो हमारे रणनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है और हमारी विदेश नीति को आगे बढ़ाता है “। प्रवक्ता ने कहा, जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है तो इस तरह के फैसले लिए जाते हैं। कुछ डील्स को रिव्यू किया जाता है। हम चाहते हैं कि ट्रांसपेरेंसी यानी पारदर्शिता बनी रहे। इन मामलों को न तो तूल देने की जरूरत है और न ही ज्यादा तवज्जो। यह रूटीन प्रॉसेस है। हम चाहते हैं कि हमारे सहयोगियों की सुरक्षा जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।

अमेरिका ने सऊदी को F-35 का फैसला 2019 के आखिर में किया था। यह डील 23 अरब डॉलर की बताई जाती है। ट्रंप प्रशासन के दौरान सऊदी और इजरायल को नजदीक लाने के लिए बहुत मेहनत की थी। इसका नतीजा यह निकला कि कई अरब देशों ने इजरायल के साथ अपने डिप्लोमैटिक रिश्ते शुरू कर दिेए थे। इजरायल ने तो सऊदी में अपनी एम्बेसी भी शुरू कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी ने ईरान और इजरायल से खतरे के आधार पर F-35 की डील की थी।

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