उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का आज दिनांक 18 अक्टूबर को निधन हो गया। यह संयोग ही है कि आज ही उनका जन्मदिन भी थी। वह 93 साल के थे। दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। एनडी तिवारी पिछले 12 महीनों से वह बिस्तर पर थे. उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था. साथ ही उनकी किडनी फेल हो गई थी.
तिवारी अपने पीछे पत्नी उज्वला और पुत्र रोहित शेखर को छोड़ गए हैं। तिवारी केंद्र में वित्त, उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। वे उत्तरप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे थे। वह पहली बार 1976 में सीएम बने थे। उत्तरप्रदेश से अलग राज्य उत्तराखंड बनने के बाद, वहां के वे पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।
स्वर्गीय तिवारी गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे है। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। यही वजह है कि तिवारी केंद्र में कई महत्वपूर्ण विभाग को संभाला। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस हिमालयी राज्य में उद्योग लाना बहुत चुनौतीपूर्ण था। इसके बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में सैकड़ों उद्योगों को लेन में कामयाब रहे। उत्तराखंड की अब तक की राजनीतिक इतिहास को देखें तो वे इकलौते मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।