हज को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लिहाजा अब हज यात्रा में वीआईपी कल्चर पूरी तरह खत्म हो गया है। हज यात्रा के लिए वीआईपी कोटे की आरक्षित सीटों को रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, अल्पसंख्यक मंत्रियों और हज कमेटी ऑफ इंडिया को दिया जाने वाला VIP कोटा लगभग रद्द कर दिया गया है। 2012 में 5000 वीआईपी कोटा पेश किया गया था। लेकिन अब यह कोटा रद्द कर दिया गया है।
अब वीआईपी कोटे की सीटें सीधे आम जनता को दी जाएंगी। इस बात का खुलासा केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी ने किया है। सऊदी अरब में वार्षिक हज यात्रा इस साल पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना वायरस के प्रसार पर चिंताओं के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी गई है।
2019 में 2.4 मिलियन लोगों ने वार्षिक तीर्थयात्रा में भाग लिया, लेकिन 2020 में महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण सऊदी अरब ने तीर्थयात्रियों की संख्या को केवल 1,000 तक सीमित कर दिया। यह कदम अभूतपूर्व था क्योंकि यह 1918 के फ्लू महामारी के दौरान भी नहीं किया गया था, जब दुनिया भर में लाखों लोगों ने इस बीमारी से अपनी जान गंवाई थी। साल 2021 में सऊदी अरब के करीब 60 हजार निवासियों को हज करने की अनुमति दी गई थी। पिछले साल लगभग 10 लाख लोगों ने वार्षिक धार्मिक यात्रा की।
इस बीच इस साल 1.75 लाख लोगों के भारत से यात्रा करने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश से 30 हजार हज यात्री हज के लिए सऊदी अरब जा सकेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष और भारतीय हज समिति के सदस्य मोहसिन रजा ने बताया कि भारत का 1.75 लाख हज यात्रियों का कोटा 2023 के लिए आरक्षित किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या में उत्तर प्रदेश के हज यात्री हज के लिए जा सकेंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष और भारतीय हज कमेटी के सदस्य मोहसिन रजा ने कहा कि हज 2023 के लिए भारत को 2.5 लाख का कोटा मिला है। देश भर के ज्यादातर हज यात्री उत्तर प्रदेश से हज करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी से 30 हजार से ज्यादा हज यात्री हज के लिए जाएंगे। हज पॉलिसी 2023 आने वाले हफ्तों में जारी की जाएगी और हज 2023 के लिए आवेदन शुरू किए जाएंगे। सरकार हज यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराएगी।