एक कहावत है ‘हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे।’ दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे आ गए हैं। सूबे की कुल 70 सीटों में से जहां भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली, वहीं पिछले दस साल से सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को 22 ही सीटें मिली तो कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता जरूर नहीं खोल पाई लेकिन उसने आप की हार में इस कहावत को चरितार्थ करने का काम अवश्य किया है।
असल में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के कई दिग्गज नेताओं की हार हुई है। ये नेता कांग्रेस को मिले वोटों से भी कम अंतर से हारे हैं। इन सभी सीटों में भाजपा का जीत का अंतर कांग्रेस के वोटों से कम है। प्रदेश की 70 में से 14 सीटें ऐसी जीतीं हैं जहां आप और कांग्रेस के वोट बंटने से उसे भाजपा को फायदा हुआ। अगर आप और कांग्रेस का गठबंधन होता तो भाजपा के सामने कड़ी चुनौती हो सकती थी। यानी इन सीटों पर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।
खासकर राजधानी की सबसे हॉट सीट रही नई दिल्ली में भाजपा प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह ने 30 हजार 88 मत हासिल कर 4 हजार 89 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद 25 हजार 999 मतों के साथ दूसरे तो कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4 हजार 568 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस तरह केजरीवाल 4 हजार 89 वोटों से हार गए। जिसमें कांग्रेस की भूमिका रही। इसी तरह ग्रेटर कैलाश से तीन बार के विधायक सौरभ भारद्वाज को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें बीजेपी की शिखा रॉय ने 3 हजार 188 वोटों के अंतर से हराया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी गर्वित सिंघवी 6 हजार 711 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे तो जंगपुरा में बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मनीष सिसोदिया को कड़े मुकाबले में महज 675 वोटों से हराया। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार फरहद सूरी को 7 हजार 350 वोट मिले। राजेंद्र नगर में आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक महज 1 हजार 231 वोटों के अंतर से हार गए। जबकि इस सीट पर कांग्रेस के विनीत यादव को 4 हजार 15 को वोट मिले।
मादीपुर में भी आप की राखी बिड़ला को भाजपा प्रत्याशी ने 10 हजार 899 वोटों के अंतर से हराया, जबकि कांग्रेस के जय प्रकाश पंवार को 17 हजार 958 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। बादली सीट पर बीजेपी ने आप के अहीर दीपक चौधरी को 15 हजार मतों से हराया जबकि यहां से कांग्रेस के देवेंद्र यादव को 41 हजार 71 वोट मिले। यही हाल छतरपुर में भी देखने को मिला। यहां बीजेपी उम्मीदवार करतार सिंह तंवर ने आप के ब्रह्मा सिंह तंवर को 6 हजार 239 वोटों से मात दी। यहां कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह तंवर को 6 हजार 601 वोट मिले। इसी से सटी महरौली सीट पर बीजेपी के गजेंद्र सिंह यादव ने 48 हजार 349 वोटों के साथ जीत दर्ज तो आम आदमी पार्टी के महेंद्र चौधरी को 46 हजार 567 वोट मिले और जीत का अंतर महज 1 हजार 782 वोट रहा। जबकि यहां कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पा सिंह को 9 हजार 338 वोट मिले। यही नहीं नांगलोई में भी आप को हराने में कांग्रेस की भूमिका साफ दिखाई दी।
भाजपा के मनोज कुमार शौकीन ने आप के रघुविंदर शौकीन को 26 हजार 251 वोटों के अंतर से हराया। जबकि यहां से कांग्रेस के रोहित चौधरी को 32 हजार 28 मत प्राप्त हुए। इस तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को हराने में कांग्रेस की अहम भूमिका रही तो वहीं अन्य पार्टियां जैसे जेडीयू, एआईएमआईएम और नोटा ने जितने मत हासिल किए उससे भी कम वोटों से आप दिल्ली में हार गई। इस चुनाव में आप ने कुल 41 लाख 33 हजार 898 मत प्राप्त किए और उसका वोट शेयर 43.57 रहा। वहीं भाजपा को कुल 43 लाख 23 हजार 110 वोट मिले। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर महज 1.99 फीसदी का रहा। यानी आप कल 1 लाख 89 हजार 212 मतों से हार गई। भाजपा की बात करें तो उसे कुल 45.56 फीसदी मत मिले। वहीं कांग्रेस ने 6 लाख 1 हजार 922 वोटों के साथ 6.34 फीसदी मत प्राप्त किए। जबकि जेडीयू ने 1 लाख 580 मतों के साथ 1.06 फीसदी तो एआईएमआईएम 73 हजार 32 वोट हासिल कर 0.77 प्रतिशत मत प्राप्त करने में कामयाब रही। वहीं नोटा में कुल 57 हजार 378 वोट यानी 0.57 लोगों ने अपना मत डाल आप की हार में अहम रोल निभाया।