पिछले दो कैबिनेट की बैठकों में केशव प्रसाद मौर्य नजर नहीं आए हैं जिसके बाद तमाम किंतु-परंतु के बीच सोशल मीडिया से लेकर सत्ता के गलियारों में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। बीजेपी कैंप में भी इस बात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, वहीं सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पूरे मामले में केशव प्रसाद मौर्य खामोश क्यों हैं? हाल के दिनों में वे दिल्ली जाकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलते रहे हैं। कुछ दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह से भी उनकी मुलाकात हुई थी। ऐसे में सरकारी कार्यक्रमों में उनकी अनुपस्थिति को केशव की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये महज एक संयोग है या फिर बात कुछ और है। आजकल केशव प्रसाद मौर्य के मन में क्या चल रहा है, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जरूरी नहीं कि हर बात जुबान से कही जाए। कई बार तो इशारे और कुछ मौकों पर उनकी गैर मौजूदगी ही सब कुछ कही जाती है जिन्हें समझना है वे समझ ही जाते हैं। केशव प्रसाद मौर्या पिछड़ा समाज से आते हैं और पिछड़ा समाज को लुभाने के लिए बीजेपी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, फिर केशव की अनदेखी क्यों हो रही है, इस सवाल का जवाब हर जागरूक नागरिक और बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता जानना चाहते हैं। केशव की नाराजगी या कहें कि पार्टी में उनकी अनदेखी के चलते यह चर्चा आम है कि बीजेपी क्यों किसी बड़े दलित या पिछड़ा समाज के नेता को आगे बढ़ा या पचा नहीं पाती है।
खामोश क्यों है केशव प्रसाद मोर्या?
