लगभग पिछले 67 दिनों से जब से दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत हैं तब से कई पत्रकारों पर आपराधिक मामले दर्ज किये जा चुके हैं। कुछ की गिरफ़्तारी भी की जा चुकी है।
ताजा उदाहरण स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया का है जिन्हें सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है फ़िलहाल उनके वकील के मुताबिक वे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं।
‘किसान एकता मोर्चा’, ‘द कारवां’ और ‘हंसराज मीणा’ का ट्विटर हैंडल सस्पेंड
अब जो दूसरा मामला स्वतंत्र विचारों को रोकने का आया है वह यह की ट्वीटर इण्डिया ने नए कृषि कानून के विरोध में सक्रिय भूमिका निभा रहे ‘किसान एकता मोर्चा’ ,अख़बार ‘द कारवां’ और दलित चिंतक ‘हंसराज मीणा’ का ट्विटर हैंडल अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
अभी यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि ये सभी ट्वीटर अकाउंट कब रिलीज़ किये जायेंगे। ट्वीटर इण्डिया की ओर से भी इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारित बयान भी नहीं आया है।
कौन है हंसराज मीणा ?
अगर आप ट्विटर चलाते हैं और राजनीति में दिलचस्पी भी रखते हैं तो पिछले दो तीन दिन में हंसराज मीणा का नाम ट्विटर आपने ज़रूर देख लिया होगा। पिछले तीन दिन से लगातार मीणा किसी न किसी वजह से ट्रेंड हो रहे हैं। कभी उनके समर्थक समर्थन में हैशटैग्स लिख रहे हैं और संघ के लोगो पलटवार में उन्हें गाली भरे हैशटैग के साथ ट्रेंड करा रहे हैं।
हंसराज मीणा, जो एक अम्बेडकरवादी और दलित चिंतक हैं, समाज से जुड़े लगभग हर मुद्दे पर अपने समर्थको की मदद से हैशटैग्स ट्रेंड करवाते हैं। कई बार इन ट्रेंड्स का असर ज़मीन पर भी दिखा। शायद यही सोशल मीडिया की ताकत है। उनका मानना है कि जिन बड़े उद्योगों ने देश की जनता से पैसा कमाया है, उन्हें कोरोना की महामारी से लड़ रहे देश के राहत कोष में दान करना चाहिए।