दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर के अलावा दिल्ली विधानसभा कोई भी कानून बना सकती है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि दिल्ली में किसी तरह की अराजकता की कोई जगह नहीं है, सरकार और एलजी को साथ में काम करना चाहिए. दिल्ली की स्थिति बाकी केंद्र शासित राज्यों और पूर्ण राज्यों से अलग है, इसलिए सभी साथ काम करें.
केजरीवाल बनाम एलजी : आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ बुधवार को दिल्ली में राज्य सरकार और केन्द्र के बीच प्रशासनिक नियंत्रण और राष्ट्रीय राजधानी में शासन चलाने को लेकर चल रही जंग पर अपना फैसला सुनाएगी। पिछले साल 6 दिसंबर को केजरीवाल सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
