कांग्रेस नेता उदित राज ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने गीता में भगवान श्री कृष्ण के उपदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है। बकौल उदित राज उन्हें ‘उनके कृष्ण’ ने ऐसा करने के लिए कहा है। ‘कृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो, जरूरत पड़े तो अपने सगे-सम्बंधियों को भी मार दो। बसपा की चीफ सुश्री मायावती जी ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा है, अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है।’ उन्होंने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए यह बयान दिया। उदित राज के इस बयान पर देश की सियासत गरमा गई है। मायावती ने उदित राज के बयान पर कहा कि बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के जीते जी और उनके देहांत के बाद भी करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों, बहुजनों के लिए उनके आत्मसम्मान और स्वाभिमान के मानवतावादी संघर्ष का हर स्तर पर तिरस्कार करने वाली खासकर कांग्रेस पार्टी कभी भी इनकी सोच-नीतियों पर खरी व विश्वसनीय नहीं हो सकती। ‘कुछ दलबदलू अवसरवादी व स्वार्थी दलित लोग अपने आकाओं को खुश करने के लिए जो अनर्गल बयानबाजी आदि करते रहते हैं उनसे भी बहुजन समाज को सावधान रहने व उन्हें गम्भीरता से लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे ‘सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति’ मूवमेंट से अनभिज्ञ व अपरिचित हैं।’ उदित राज के इस बयान के बाद बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की तीखी प्रतिक्रिया आई है।

आकाश आनंद ने उत्तर प्रदेश पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए उदित राज को गिरफ्तार करने की मांग की है। आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, मैं बहुजन मिशन का युवा सिपाही हूं लेकिन बाबा साहेब और मान्यवर साहेब के मिशन को इससे ज्यादा समझता हूं। आज इसकी भाषा में जिस तरह की धमकी है वो हम बहुजन मिशन के करोड़ों सिपाहियों को कतई बर्दाश्त नहीं है। मैं यूपी पुलिस से साफ कहना चाहता हूं कि इन अपराधियों को गिरफ्तार कर कानून के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें नहीं तो देश का बहुजन युवा चुप बैठने वाला नहीं है इनको सबक सिखाना मुझे अच्छे से आता है। भाजपा ने भी कांग्रेस नेता के बयान की निंदा की है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने उदित राज का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस नेता उदित राज कह रहे हैं कि उनके ‘कृष्ण’ ने उन्हें आदेश दिया है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती जी को मार दिया जाए। क्या राहुल गांधी ही वह व्यक्ति हैं, जिन्हें कृष्ण की उपाधि दी गई है? क्या कांग्रेस के भीतर इतनी झुंझलाहट बढ़ गई है कि अब भाषा और राजनीति, दोनों में हिंसा का भाव हावी हो चुका है? राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन सार्वजनिक जीवन में इस तरह किसी की हत्या की बात करना कितना जायज है? कांग्रेस हमेशा से दलित-विरोधी रही है और यह षड्यंत्र उसी मानसिकता को दर्शाता है।’

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