सोशल मीडिया पर अफवाह के कारण भीड़ द्वारा की जा रही हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है किसी को इसकी चिंता ही नहीं है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और यू यू ललित की पीठ ने सोशल मीडिया पर यौन अपराध के वीडियो को ब्लॉक करने की मांग वाली याचिका पर यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा, ‘इन दिनों सोशल मीडिया पर कई तरह की सामग्री आ रही हैं। लोगों को मारा जा रहा है और किसी को इसकी फिक्र नहीं है।’
सुनवाई के दौरान गूगल, याहू इंडिया प्राइवेट लि., माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लि., फेसबुक आयरलैंड लि. और व्हाट्सएप की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है।वही पीठ ने कहाँ हैं की केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन ही नहीं किया है।