पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस को लेकर इस बात पर विवाद है कि इसके फैलने का कारण क्या है। इसका अभी तो कोई साक्ष्य नहीं है। लेकिन जब से वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई है। तब से ही चीन में खाए जाने वाले जंगली जानवरों के मांस को लेकर अनेक सवाल खड़े हो गए है। परन्तु यह वायरस कैसे फैला। वैज्ञानिकों में भी इसे लेकर एकमत नहीं है। इसी कारण अब दक्षिणी चीन की ओर से शेनज़ेन शहर ने एक बड़ा कदम उठाया गया है।
कोरोना वायरस महामारी से निपटने और फिर से कोरोना के दस्तक देने के बाद दक्षिणी चीन के शेन्जेन शहर में कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाना बंद कर दिया गया है। अब से अगले माह की एक तारीख से शेन्ज़ेन शहर में कुत्ते और बिल्लियों के मांस का व्यापार नहीं होगा। ऐसा फैसला करने वाला शेन्जेन चीन का पहला शहर है। फरवरी माह में ही चीन सरकार ने जंगली जानवरों के मांस का व्यापार करने और उनके मांस का भक्षण करने पर रोक लगा दी थी। परंतु प्रांत और शहर प्रशासन ने पहली मई से नियम लागू करने का फैसला किया है।
वैज्ञानिकों को संदेह है कि कोरोना जंगली जानवरों के के मांस को खाने से ही इंसानों में आया है। क्योंकि कोरोना सबसे पहले चीन के वुहान शहर में दिखाई दिया। इस शहर में सभी प्रकार के जंगली जानवर मुहिया कराए जाते हैं। इनमें सांप, चमगादड़, सुअर, भेड़, गधा, खरगोश, मुर्गा, बतख, हंस, कबूतर, बिलाव और बटेर जैसे जानवर ओर पक्षी शामिल हैं।
1 अप्रैल को आदेश जारी
शेन्जेन प्रशासन ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा, ‘‘कुत्ते और बिल्लियां पालतू जानवर हैं। ये इंसानों के काफी करीब हैं। पालतू जानवरों के मांस खाने पर हांगकांग और ताइवान में भी रोक है। ये बैन मानव सभ्यता के अनुकूल है।’’
शेन्जेन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के एक अधिकारी लियू जियानपिंग ने बताया, ‘‘लोगों के लिए पोल्ट्री उत्पाद, ताजा मांस और सीफूड पर्याप्त थे। ऐसे में जंगली जानवरों को खाना उचित नहीं। वैसे भी ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि जंगली जानवरों का मांस सामान्य पशुओं के मांस से अधिक पौष्टिक होता है।’’
जागरूकता अभियान
शेन्जेन प्रशासन की ओर से फरवरी सेे ही जंगली जानवरों के मांस खाने पर रोक लगा दी गई थी। चीन में एक बड़ी आबादी जंगली जानवर का सेवन करती है। जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से अब इसे बैन करने का फैसला किया गया है। साथ ही यहाँ प्रसाशन ने जंगली जानवर न खाने और उन्हें बचाने पर एक अभियान शुरू किया है।
वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट फाॅर ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल की उपाध्यक्ष टेरेसा एम टेलेकी ने बताया कि शेन्जेन दुनिया का पहला ऐसा शहर है जिसने महामारी से सबक लिया और बदलाव किए। वन्यजीव के मांस की खपत को रोकने के लिए शेन्जेन प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम की दुनियाभर में सराहना होगी और शहर अन्य सरकारों के रोल मॉडल।