सऊदी अरब पर वैश्वीकरण का प्रभाव देखा जा सकता है। वहीं अन्य इस्लामिक देशों के मुकाबले वह उदारीकरण दृष्टिकोण को अपना रहा है। सऊदी अरब के प्रधानमंत्री क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा 2016 में विजन-2030 नाम से एक महत्वाकांक्षी सुधार योजना की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद है सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को दृढ बनाना और तेल से हो रही कमाई पर निर्भरता कम करना। देश में पर्यटन और बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए और रूढ़िवादी रुख में सऊदी अरब लचीलापन ला रहा है। इसी राह पर चल रहा सऊदी अरब 70 सालों में पहली बार शराब बेचेगा । रियाद में गैर मुस्लिम डिप्लोमैटिक लोगों को यह शराब बेचीं जाएगी, इसके लिए रियाद में शराब की केवल एक दुकान खुलेगी। इस शराब की दुकान के ग्राहक सीमित और डिप्लोमैटिक स्टाफ़ होंगे। डिप्लोमैटिक स्टाफ़ सऊदी अरब में सालों से सीलबंद आधिकारिक पैकेज आयात करते रहे हैं। इसे डिप्लोमैटिक पाउच कहा जाता है। यह नया स्टोर रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्ट में ही होगा। इसी क्वार्टर में कई देशों के दूतावास और राजनयिक रहते हैं।
शराब पीने-खरीदने वाले के लिए नियम
अधिकरियों के अनुसार रियाद में खुलने वाले शराब की पहली दुकान सऊदी अरब में शराब के अवैध व्यापार को रोकेगी। रॉयटर्स के मुताबिक अधिकारीयों का कहना है कि यह दुकान कुछ ही हफ्तों में खुल सकती है। शराब दुकान खोलने के साथ ही सऊदी अरब ने इसे खरीदने वाले लोगों के लिए कुछ नियम तय किए हैं। शराब पीने वाले गैर मुस्लिम प्रवासियों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा ,इसके बाद सरकार से क्लेयरिंस मिलेगी। 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब लेने और पीने की मनाही होगी। वहीं शराब की दुकान पर कम उम्र के लोगों को आने की अनुमति नहीं होगी। शराब पीने वाला व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से शराब नहीं मंगवा सकता उसे खुद लेने जाना होगा। शराब ख़रीदने की मासिक सीमा होगी। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार हालांकि ये नियम सख्त नहीं होंगे।

रजिस्टर्ड किए हुए ग्राहकों को ही हर महीने 240 पॉइन्ट्स शराब मिलेगी। एक लीटर स्पिरिट्स को 6 पॉइंट मापा जाएगा और 1 लीटर वाइन को तीन पॉइंट्स के रुप में देखा जाएगा। इसके अलावा एक लीटर बीयर को 1 पॉइंट में देखा जाएगा। यह डिप्लोमैटिक तक ही सिमित रहेगी या आम विदेशियों को भी इसका लाभ मिलेगा यह कह पाना मुश्किल है। रियाद में शराब दुकान खुलने से संभव है कि शराब वहां के जनजीवन का एक हिस्सा बन जाए। गौरतलब है कि सऊदी अरब में शराब प्रतिबंध होने के साथ -साथ शराब पीने या रखने वाले के लिए जुर्माना ,कैद ,सार्वजनिक रूप से कोड़े और अनधिकृत विदेशियों को वापिस भेजने का कानून है।
1952 से सऊदी अरब में शराब प्रतिबंध
बीबीसी की एक रिपोर्ट अनुसार शराब नीति से जुड़े नए दस्तावेजों के मुताबिक सऊदी प्रशासन नए नियम पर काम कर रहा है। नए नियम के तहत शराब की ख़ास मात्रा लाने की अनुमति होगी। इससे शराब के अनियंत्रित लेन-देन पर रोक लगेगी। सालों से डिप्लोमैटिक स्टाफ़ अपना पाउच इस्तेमाल करते हैं और सऊदी प्रशासन इस मामले में कोई दखल नहीं देता है। प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सख़्त नियमों को उदार बना रहे हैं।
सऊदी अरब का 1952 तक शराब को लेकर एक किस्म का समझौतावादी रुख़ था। लेकिन 1951 में प्रिंस मिशारी बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-साऊद ने जेद्दा में ब्रिटिश राजयिक सिरिल उस्मान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक फंक्शन के दौरान शराब देने से इनकार करने पर उन्होंने ऐसा किया था। इस घटना के एक साल बाद किंग अब्दुल अज़ीज़ द्वारा शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था।