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दो माह से लापता गाजियाबाद के बिल्डर विक्रम त्यागी, परिवार दे रहा धरना

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार फर फिलहाल अपराध और अपराधियों की काली छाया पड़ चुकी है। आए दिन कोई न कोई ऐसी घटना घट जाती है जिससे सरकार पर सवालिया निशान लग जाते हैं । फिलहाल, गाजियाबाद की ही बात करें तो यहां के एक बिल्डर पिछले 2 महीने से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता है । जिन्हें ढूंढने में पुलिस की लापरवाही शुरू से ही उजागर हुई। अगर पुलिस परिजनों के शिकायत पर मामले को ट्रेस कर लेती तो शायद आज बिल्डर का कुछ ना कुछ पता चल गया होता।

लेकिन पुलिस परिजनों के शिकायत करने के दो दिन बाद तक भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रही। इसी दौरान बिल्डर की इनोवा कार मुजफ्फरनगर के तितावी क्षेत्र में लावारिस हालत में खड़ी पाई गई। यही नहीं बल्कि कार में खून के बिखरे होने के सबूत भी मिले। जिससे बिल्डर के जिंदा होने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में जांच का जिम्मा एसटीएफ को दे रखा है ।लेकिन बावजूद इसके अभी तक पुलिस यह तक नहीं पता लगा पाई है कि बिल्डर जिंदा है या मार दिए गए हैं । पुलिस की लापरवाही और सरकार की नाकामी पर बिल्डर का परिवार धरने पर बैठा हुआ है।

बताया जा रहा है कि विक्रम 26 जून की रात में लगभग साढ़े सात बजे अपने ऑफिस से निकला था। घर के रास्ते में वह एक शराब की दुकान में रुका और शराब खरीदी। रात में अंतिम बार 7.45 पर उसकी अपनी पत्नी निधी के साथ बात हुई थी। फोन पर उसने निधी को बताया था कि वह सोसायटी के गेट से बस सौ मीटर की दूरी पर है, बस पांच मिनट में घर पहुंच रहा है। रात में जब वह साढ़े आठ बजे तक घर नहीं पहुंचा तो उसके परिवार ने उसे फोन किया। कई बार फोन करने के बाद भी फोन बंद मिला। रातभर परेशान रहने के बाद घरवालों ने पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज करवाया।

लापता बिल्डर विक्रम त्यागी की तलाश करने में पुलिस की विफलता के विरोध में गाजियाबाद बिल्डर्स एसोसिएशन व त्यागी समाज के लोगों ने दो दिन पूर्व मुरादनगर के भाजपा विधायक अजीतपाल त्यागी का घेराव किया। इस दौरान त्यागी समाज के लोगों ने विधायक से पुलिस और प्रशासन पर बिल्डर त्यागी को तलाश करने के लिए अपनेे प्रभाव का प्रयोग करते हुए इस प्रकरण को मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचाने की मांग की।

बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी त्यागी के अनुसार पिछले दो माह बाद भी बिल्डर त्यागी की तलाश नहीं कर पाना पुलिस की विफलता है। पुलिस बार-बार आश्वासन दे रही है लेकिन अभी तक विक्रम को खोज नहीं पाई है। ऐसे में लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। जबकि विधायक अजीतपाल त्यागी का कहना है कि वे इस मसले पर प्रदेश सरकार से बात करेंगे।

गौरतलब है कि गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन हाई सोसाइटी केडीवी में रहने वाले बिल्डर विक्रम त्यागी 26 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गया थे। उनकी आखिरी लोकेशन यही राजनगर एक्सटेंशन में आई थी। उसके बाद से वह अपनी इनोवा कार से लापता थे। विक्रम की कार अगले दिन मुजफ्फरनगर इलाके में मिली थी और वहां उसमें खून ही खून था।

विक्रम के परिजन आरोप लगाते हैं कि पुलिस ने जो कार्यवाही करनी थी वह भी नहीं की। विक्रम के परिजनों के मुताबिक पुलिस को सूचना मिलने के बाद आसपास के इलाकों में वायरलेस करना चाहिए था । लेकिन जब वह खुद राज नगर एक्सटेंशन विक्रम और उसकी गाड़ी को तलाश रहे थे तो वहां मौजूद पुलिस वालों ने यह नहीं बताया कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी कंट्रोल रूम से मिली है। इसके अलावा विक्रम के परिजनों का आरोप है कि मुजफ्फरनगर में गाड़ी रोकी गई। लेकिन वहां भी जानकारी ना होने के कारण उसे जाने दिया।

वही उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के गाजियाबाद से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मेयर और पार्टी के कद्दावर नेता आशु वर्मा ने भी गाजियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। उनके मुताबिक इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की नाकामी सामने आई है।

याद रहे कि इस मामले में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आला अधिकारियों ने थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया था। उधर, गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी कहते हैं कि 2 महीने के कार्यकाल में कार्रवाई ना होने के चलते चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी को लाइन आदेश कर दिया गया है। एसटीएफ भी जांच कर रही है। जल्दी ही बिल्डर का पता लगा लिया जाएगा।

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