दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी छवि एक ऐसे राजनेता की गढ़ी थी जो सत्ता की हनक से दूर रहता है। उन्होंने पहली बार दिल्ली की गद्दी संभालने के बाद बड़ा सरकारी बंगला और पुलिस सुरक्षा न लेने का ऐलान किया था। धीरे-धीरे वे हर उस सुविधा को लेते गए जो बतौर सीएम उन्हें मिल सकती थी। पिछले दिनों केजरीवाल पूर्व सीएम शीला दीक्षित के स्वास्थ्य का हालचाल पूछने उनके घर पहुंचे। मात्र पांच मिनट की इस मुलाकात के बाद शीला दीक्षित जब केजरीवाल को विदा करने बाहर निकलीं तो वे वर्तमान सीएम के सुरक्षा घेरे और गाड़ियों के काफिले को देख दंग रह गईं। जेड सुरक्षा के घेरे में चलने वाले केजरीवाल के संग पुलिस की कई गाड़ियां तो थी ही, उनका अपना काफिला भी खासा बड़ा था। शायद शीलाजी को अपना पंद्रह बरस का कार्यकाल याद हो आया होगा जब वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते बगैर किसी तामझाम के रहती थीं। केरीवाल के शुरूआती तेवरों को देख दिल्लीवासी कहने से नहीं चूक रहे कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं।
केजरीवाल के ठाट-बाट
