यूं तो युवाओं में फिट बॉडी और जिमिंग का क्रेज है। लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं, एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन फिटनेस को लेकर कुछ युवाओं में ऐसा जुनून सवार होता है कि वह इसको पेशे के तौर पर भी अपना लेते हैं। ऐसा ही एक नाम है उत्तराखण्ड के राहुल मेहरा का जो मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के महरखोला गांव के हैं और वर्तमान में रुद्रपुर में रहते हैं। उन्होंने विगत दो अक्टूबर को पंतनगर के नंगला में राज्य स्तरीय बॉडी बिल्डिंग की ‘मिस्टर उत्तराखण्ड’ प्रतियोगिता में 85 किलो वेट कैटेगिरी में गोल्ड मेडल जीता है। उनसे ‘दि संडे पोस्ट’ के उप संपादक जीवन सिंह टनवाल की बातचीत के अंश
मिस्टर उत्तराखण्ड का खिताब जीतकर आप कैसा अनुभव महसूस कर रहे हैं?
पहले तो आपका और आपके अखबार ‘दि संडे पोस्ट’ का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरे जैसे एक छोटे जिला स्तर के बॉडी बिल्डर से बात की और मुझे अपने पेपर में जगह दी। अब रहा आपका सवाल कि मैं मिस्टर उत्तराखण्ड का खिताब जीतकर कैसा अनुभव महसूस रहा हूं तो मैं 80 किलो प्लस वेट कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। यह मेरी सालों की मेहनत है जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
इसका श्रेय आप किसे देना चाहते हो?
मेरी इस सुनहरी जीत का श्रेय मैं अपने गुरूजी मिस्टर विशेष कुमार को देना चाहूंगा जो खुद भी एक बहुत अच्छे बॉडी बिल्डर हैं। बहुत सारी चौंपियनशिप उन्होंने भी जीती हैं। दूसरा श्रेय मैं अपने परिवार के सदस्यों खासकर अपनी मां और बड़े भाई को देना चाहूंगा। जिन्होंने मेरा हर एक चीज में साथ दिया है चाहे वह मेरी घरेलू चीज हो जैसे कि मेरी डाइट बनाने से लेकर डाइट के खर्चे आदि तक।
आपने बॉडी बिल्डिंग क्यों चुनी?
मैंने बॉडी बिल्डिंग को कोई अपना करियर के तौर पर नहीं चुना था। यह मेरा एक पैशन था। अपने को चार लोगों के बीच में अच्छा देखने का पैशन था पर देखते ही देखते कब मैं इसमें इतनी दिलचस्पी लेने लग गया और अपना पूरा ध्यान, क्षमता और धन सब इसमें लगाने लग गया इसका पता ही नहीं चल पाया। अब मेरा सपना है कि मैं जीतोड़ मेहनत करके अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर अपने प्रदेश, देश और परिवार एवं गांव का नाम रोशन करना चाहता हूं।
आपने अभी तक कितनी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया हैं?
मैंने अभी तक कुल दो प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और वह दोनों ही राज्य लेवल की प्रतियोगिताएं थी जिसमें मैंने सबसे पहली प्रतियोगिता 12 मार्च 2023 में खेली जो उत्तराखण्ड फिजिक्स एलियंस (एनपीपी संगठन) द्वारा कराई गई थी। जिसमें मैंने मिस्टर कुमाऊं वेट कैटेगरी 70 किलो भार वर्ग में भाग लिया और मुझे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। यह मेरी सबसे पहली जीत थी इस बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में। उसी दिन से मैं सोच लिया था कि मैं आगे और अच्छे से मेहनत करूंगा। इसके बाद हाल ही में मेरी दूसरी प्रतियोगिता जो कि 2 अक्टूबर 2024 को पंतनगर क्लासिक फर्स्ट जो कि पंतनगर के नगला जवाहर नगर में हुई इसमें मैंने मिस्टर उत्तराखण्ड वेट कैटेगरी 85 किलो में भाग लिया जिसमें मैंने प्रथम स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल व एक सुनहरी ट्रॉफी के साथ कुछ धनराशि पुरस्कार के तौर पर मुझे मिली। यह मेरी अभी तक की सबसे अच्छी एवं बड़ी जीत है।
आपका अगला मिशन क्या है?
अगले महीने 9 नवंबर को बहुत बड़ी राज्य लेवल की मिस्टर मोहित चोपड़ा बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप होने वाली है। जिसमें मैं भाग लेने वाला हूं और इसमें भी मैं अपनी तरफ से जीतोड़ मेहनत करके बहुत अच्छा करूंगा और एक बार फिर से अपने माता-पिता अपने गांव परिवार और जिले का नाम रोशन करूंगा।
बॉडी बिल्डिंग के बारे में आपकी पसंदीदा चीज क्या है?
मेरी बॉडी बिल्डिंग में पसंदीदा चीज के बारे में तो फिलहाल मैं कुछ कहूंगा नहीं उसके बदले मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि आप भले ही बॉडी बिल्डिंग मत कीजिए पर अपने बिजी शेड्यूल में अपने शरीर के लिए एक से डेढ़ घंटा जरूर दें। एटलिस्ट कुछ ना कुछ नहीं भी तो आप 40 मिनट अपने शरीर के लिए जरूर निकालें जिससे आपको कई फायदे एवं बहुत सी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा और आप एक हेल्थी लाइफ स्टाइल के साथ-साथ एक स्वस्थ शरीर जरूर अपना पाएंगे।
आप एक नौसिखिया बॉडी बिल्डर को क्या सलाह देंगे?
मेरा उन लोगों से यही कहना है कि कोई भी कैसा भी काम हो कैसी भी चीज हो उसे बनने में पकने में समय लगता है तो प्लीज पेशेंस रखिए आपको जो करना है जो करना चाहते हैं वह जरूर होगा पर सब चीज पेशेंस हार्ड वर्क और डेडीकेशन से हो पाती है अगर आपके पास तीनों चीज हैं तो आप कर सकते हैं अन्यथा नहीं। एक चीज और बॉडी बिल्डर के लिए इनकम सोर्स जरूर होना चाहिए इस लाइन में क्योंकि बिना पैसे के कुछ भी हासिल करना मुमकिन नहीं है। क्योंकि डाइट का टाइम टू टाइम ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए आपके पास पैसा होगा तो आप अपने शरीर पर अपनी डाइट पर खर्च कर पाएंगे। बाकी धीरे-धीरे आपको खुद ही पता चल जाएगा बॉडी बिल्डिंग क्या है और यह कितनी कठिन है।
क्या आपके पास बॉडी बिल्डिंग कोच है?
जी हां, मेरे पास मेरे पर्सनल कोच हैं जो खुद भी एक बहुत बड़े बॉडी बिल्डर हैं जिन्होंने कई चैम्पियनशिप जीती हैं और मैं उनकी सलाह के बिना एक निवाला तक नहीं खाता हूं। वे मेरे हर एक चीज का ध्यान रखते हैं। आपके पास एक नॉलेज कोर्स होना चाहिए जो कि आपको और आपके शरीर को समझ सके क्योंकि आए दिन वर्कआउट के दौरान आप देखते होंगे कि किसी की किडनी फेल हो गई किसी का लिवर फेल हो गया कोई हार्ट अटैक से मर गया किसी को हार्ट की बीमारी हो गई यह क्यों होती है? यह सब आपकी सही जानकारी ना होने चलते है। बस आपको धैर्य रखना होगा विश्वास रखना होगा अपने कोच के प्रति और एक अच्छा कोच हॉयर करना होगा तभी आप इस फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं।
आपका पारिवारिक जीवन कैसा है?
मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं। जब मेरे पिताजी का देहांत हुआ तब मैं यही करीब 10 साल का और मेरे बड़े भाई 13 साल के थे। तब मेरी माताजी ने खुद सड़क किनारे खाना बेचकर हमें पढ़ाया-लिखाया और कुछ महीने पहले तक मेरी माता यह काम आई हैं। अब प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर मैं भी कमाता हूं और मेरा भाई भी। अब मैं खुद अपना खर्च उठता हूं और कुछ घर में भी देता हूं। बाकी मेहनत पर दुनिया कायम है। मेहनत कीजिए, मेहनत का फल मीठा होता है।
आपकी पसंदीदा गैर-जिम पारिवारिक गतिविधि क्या है?
मेरा पारिवारिक जीवन बहुत अच्छा है स्वस्थ है मेरे परिवार में हम 3 सदस्य हैं। मैं, मेरे बड़े भैया और मेरी मम्मी बस तीनों ही एक-दूसरे के प्रति खुश रहते हैं जी-तोड़ मेहनत करते हैं और हंसमुख रहते हैं।
बॉडी बिल्डिंग के अलावा आप क्या करते हैं?
मैं बॉडी बिल्डिंग के अलावा बैंकिंग लाइन में जॉब करता हूं जो कि एक प्राइवेट लिमिटेड फाइनेंशियल माइक्रो फाइनेंस बैंक है जिसके हल्द्वानी ब्रांच में मैं पोस्टेड हूं।
इस दौरान आपके सामने क्या-क्या चुनौतियां आई?
चैंपियनशिप के दौरान मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और अभी भी कर रहा हूं। लेकिन मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं। सबसे बड़ी चुनौती मेरी डेली का ट्रेवल हल्द्वानी से रुद्रपुर का है। जिससे दिनभर में टाइम टू टाइम खाने की चुनौती और फाइनेंशियल दिक्कत बहुत आती है जब बॉडी टेस्ट करना होता है तो उसमें आने वाले खर्च को मैं फ्रेंड, परिवार से अरेंज कर, कैसे-कैसे करके मैनेज करता हूं। लेकिन मैं अब इस फील्ड को छोड़ना नहीं चाहता। मैं मेहनत करते रहूंगा चुनौतियों को हराते रहूंगा और अपनी जीत का सिलसिला जारी रखता रहूंगा।
आपको बॉडी बिल्डिंग की प्रेरणा कहां से मिली?
मुझे बॉडी बिल्डिंग की प्रेरणा जिम से मिली और खुद को देखते- देखते मिली, क्योंकि जब आप खुद को एक चीज में चेंज होता हुआ देखते हैं तो समझ जाते हैं कि आप कुछ कर सकते हैं। मैं खुद से प्रेरित होता हूं और उस चीज पर मेहनत करता हूं। बाकी तो सब भगवान के हाथ में है किसको कितना उठाना है किसको कितना बैठाना है।
आप एक दिन में कितना समय जिम में बिताते हैं?
मैं 24 में से 4 घंटे जिम को देता हूं जिसमें सुबह खाली पेट दो घंटा कार्डियो करता हूं और शाम के टाइम दो घंटा अपना वर्कआउट करता हूं।
आपकी पारिवारिक स्थिति कैसी है और आपको परिवार का साथ मिल रहा कि नहीं?
जैसा कि मैं आपको पहले भी बता चुका हूं कि मैं मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करता हूं। आज की इस महंगाई के दौर में एक मिडिल क्लास व्यक्ति के लिए घर का खर्च उठाना मुश्किल है तो आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं। मैं प्राइवेट नौकरी से घर, जिम और अपनी डाइट का खर्च कैसे पूरा कर पा रहा हूं। रही बात परिवार के साथ कि तो परिवार से मुझे फुल सपोर्ट रहता है और हर एक चीज में मुझे उनका साथ मिलता है, उनकी हामी में ही मेरी हामी होती है।