चीन के शहर वुहान से आए कोरोना वायरस से पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त हो गई थी। सभी ने देखा है कि डेढ़-दो साल तक पूरी दुनिया लॉकडाउन में परेशानियों के बीच रही है। अब एक बार फिर चीन में एक रहस्यमयी वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका के बाद अब भारत में इस रहस्यमयी वायरस के पाए जाने की खबर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। चीन से निमोनिया वायरस भारत में प्रवेश कर चुका है और कई समाचार चैनलों और समाचार वेबसाइटों ने यह खबर प्रकाशित की है कि सात भारतीय इस बीमारी से संक्रमित हो गए हैं। अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दिल्ली के एम्स अस्पताल में इस रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीज मिला है। हालांकि, एम्स अस्पताल ने कहा है कि यह खबर झूठी है।
Media reports claiming detection of bacterial cases in AIIMS Delhi linked to the recent surge in Pneumonia cases in China are misleading and inaccurate. Mycoplasma pneumonia is the commonest bacterial cause of community-acquired pneumonia. Pneumonia Cases in AIIMS Delhi have no… pic.twitter.com/rZkpgPEwv1
— ANI (@ANI) December 7, 2023
केंद्र सरकार ने गुरुवार (7 दिसंबर) दोपहर एक बयान जारी किया है। बताया गया है कि एम्स में भर्ती मरीज निमोनिया से पीड़ित हैं। हालाँकि, इसका चीन की बीमारी से कोई लेना-देना नहीं है। जनवरी 2023 से एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने 611 नमूनों का परीक्षण किया है और उनमें से किसी का भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए सकारात्मक परीक्षण नहीं हुआ है। केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं।
कई मीडिया रिपोर्टों में एम्स में माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों का दावा किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि ये मरीज अप्रैल से सितंबर के बीच पाए गए। यानी चीन में इस वायरस की खोज से पहले ही यह बीमारी भारत में प्रवेश कर चुकी थी। दरअसल, चीनी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, चीन में माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया का पहला मामला अक्टूबर 2023 में सामने आया था। 23 नवंबर, 2023 को चीन की मीडिया ने आशंका व्यक्त की कि एक नया रहस्यमय वायरस फैल गया है।
कहा जा रहा है कि चीन में कुछ स्कूली छात्र इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं। प्रभावित बच्चों में फेफड़ों में सूजन, तेज बुखार, खांसी और सर्दी के लक्षण थे। इस बीच भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 दिन पहले देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए इस बीमारी को लेकर कुछ गाइडलाइंस जारी की थीं, साथ ही सतर्क रहने के निर्देश भी दिए थे.

