लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गुजरात में ऑपरेशन लोटस की चर्चा जोरों पर है। महज एक हफ्ते में विपक्ष के दो विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक पार्टी में रहने की गारंटी दे रहे हैं तो वहीं अब शक्ति साधना में जुटी कांग्रेस में गुटबाजी होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि गुजरात में क्या कांग्रेस आगामी आम चुनाव से पहले ही सरेंडर कर देगी? क्या कांग्रेस पार्टी अपने 16 विधायकों को नहीं बचा पाएगी? क्या कांग्रेस पार्टी वाकई में बिखर जाएगी और बीजेपी लोकसभा चुनाव में तीसरी बार राज्य में क्लीन स्वीप करेगी? कांग्रेस पार्टी के खंभात से विधायक चिराग पटेल के इस्तीफे के बाद अब अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद चिराग पटेल ने कांग्रेस पर हमला बोला। पटेल ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है जिस कारण आने वाले दिनों और विधायक भी इस्तीफा देंगे। चिराग पटेल ने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के विधायकों में सिर्फ अमित चावड़ा बचेंगे तथा कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले शून्य पर पहुंच जाएगी। बीते एक हफ्ते में दो विधायकों एक कांग्रेस और एक आप के इस्तीफों को ऑपरेशन लोटस से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सभी 26 सीटों पर जीत सुनिश्चित करना चाहती है और उसका लक्ष्य इस बार पांच लाख के अंतर से सभी सीटें जीतने का है। पहले आप फिर कांग्रेस में सेंधमारी के गुजरात में दोनों विपक्ष दल बैकफुट पर आ गए हैं। आप आदमी पार्टी के विधायकों ने कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के बाद फिर से कैमरों पर आकर दोहराया कि वे पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस को पार्टी विधायक के इस्तीफे ने बड़ा झटका दिया है। विधायक ने पार्टी में भारी गुटबाजी का आरोप लगाया है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने भले ही गुजरात के मोर्चें पर दो राज्यसभा सांसदों को लगाया है लेकिन पार्टी से गयाराम का सिलसिला क्यों नहीं रुक रहा है? ऐसे में पार्टी खुद की मजबूती और जनता में अपनी विश्वास कैसे मजबूत करेगी? यही हाल आम आदमी पार्टी का भी हो गया है। पार्टी ने एक विधायक को खो दिया है तो वहीं विधायक दल के नेता चौतर वसावा जेल में हैं। ऐसे में पार्टी आगे बढ़े या फिर अपने घर को संभाले। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले चिराग पटेल का अगर दावा सही निकला और कुछ और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफे दिए तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द होगा। पार्टी विधानसभा में पहले ही नेता विपक्ष का पद खो चुकी है। अब उसके पास बाकी विधायक बचाने की चुनौती आ गई है। गुजरात की कोई लोकसभा सीट कांग्रेस के पास नहीं है। राज्य सभा की जरूर तीन सीटें पार्टी के पास हैं लेकिन अप्रैल 2026 में कांग्रेस के पास एक भी राज्यसभा सीट नहीं रहेगी। ऐसे में अगर पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं जीतती है तो 2026 अप्रैल में गुजरात से संसद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व शून्य हो जाएगा। इसके साथ ही राज्य में पार्टी के विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को बचाने की चुनौती और मुश्किल होगी।

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