उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों बड़े धर्म संकट में बताए जा रहे हैं। उनका धर्म संकट मंत्री गणेश जोशी को लेकर है। देहरादून की एक अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मंत्री गणेश जोशी पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा चलाने अथवा न चलाने की बाबत वह तीन माह के भीतर फैसला लेकर अदालत को अवगत कराए। यह तीन माह की मियाद 8 अक्टूबर को पूरी हो चुकी है। लेकिन धामी मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे पर अभी तक चर्चा नहीं की है। अब विपक्षी दल कांग्रेस मुख्यमंत्री पर उनकी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लेकर जमकर निशाना साध रही है। बेचारे धामी करें तो क्या करें? केदारनाथ का उपचुनाव घोषित हो चुका है। ऐसे में यदि सरकार बहादुर अपने मंत्री पर मुकदमा चलाने की सहमति देती है तो मंत्री के पास इस्तीफा देने के सिवा कोई रास्ता बचेगा नहीं और यह इस्तीफा केदारनाथ उपचुनाव में बड़ा मुद्दा बन उभरेगा। यदि स्वीकृति नहीं देते हैं तो भी विपक्ष इसे उपचुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने से पीछे नहीं हटेगा। धामी के लिए उनके ‘शक्तिमान’ फेम मंत्री गले की ऐसी फांस बन चुके हैं जिसको न तो सीएम उगल पा रहे हैं, न निगल।

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