कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार पर सियासी संकट ने विराट रूप धारण कर लिया है। वहीं, इन सबके बीच कांग्रेस के लिए गोवा से भी बुरी खबर सामने आ रही है गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
इन विधायकों में चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल हैं, जो विपक्ष के नेता थे। कांग्रेस के 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के अपने विपक्षी नेता के साथ बीजेपी में शामिल होने से हमारी संख्या 27 हो गई है। सभी विधायक बिना किसी शर्त के बीजेपी में शामिल हुए हैं।
गोवा में अभी बीजेपी की सरकार है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के पास अब महज पांच विधायक ही रह गए हैं। ऐसे में बीजेपी को छोटे दलों से छुटकारा मिल जाएगा।
नेता विपक्ष चन्द्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में विधायकों का समूह बीती शाम विधानसभा अध्यक्ष से मिला और उन्हें कांग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी देते हुए एक पत्र सौंपा। गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चन्द्रकांत कावलेकर समेत कांग्रेस के दस विधायकों के साथ आए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ऐलान किया कि कांग्रेस विधायक दल के दो तिहाई सदस्यों के समूह का भाजपा में विलय हो गयाहै। दो-तिहाई संख्या दल-बदल कानून के तहत होने वाली कार्रवाई से बचाने केलिए पर्याप्त है।
इस दौरान कावलेकर ने भाजपा में विलय का कारण बताते हुए कहा कि उन्होंने और अन्य विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला इसलिये लिया क्योंकि विपक्ष में होने के कारण उनके निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों में मुश्किलें आ रही थी।
कावलेकर ने कहा, ‘हमने सावंत के काम का तरीका देखा है. वह राज्य के विकास के लिये काम कर रहे हैं. हमने उनसे हाथ मिलाने का फैसला किया है. विपक्ष में रहकर हमारे विकास कार्यों में बाधाएं आ रही थीं.’ कावलेकर ने दावा किया कि वे बिना शर्त भाजपा में शामिल हुए हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने कहा, ‘बीजेपी ने कांग्रेस के दस विधायकों को अपने खेमे में शामिल करके सूबे में अपने गठबंधन सहयोगी और खुद पार्टी के भीतर की असुरक्षा का परिचय दिया है। बीजेपी वन नैशन वन इलेक्शन नहीं बल्कि वन नैशन वन पार्टी का प्रयास कर रही हैं।