वर्ष 2013 से ही दिल्ली प्रदेश की सियासत में आम आदमी पार्टी का दबदबा लगातार बना रहा है। इस बार लेकिन आप सियासी संकट में घिरती स्पष्ट नजर आ रही है। हालांकि राजनीतिक पंडितों का आकलन है कि प्रदेश में सरकार तो आप बनाने में सफल रहेगी किंतु उसकी सीटों में भारी कमी आ सकती है। इतना ही नहीं पार्टी ने कई दिग्गज चुनाव हार भी सकते हैं। ऐसे दिग्गजों में पहला नाम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया का बताया जा रहा है जिन्हें पार्टी से इस बार जंगपुरा सीट से मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने लेकिन यहां से दिल्ली के मेयर रह चुके फरहाद सूरी को टिकट दे सिसोदिया को संकट में डाल दिया है। फरहाद की मां ताजदार बब्बर विधायक हुआ करती थीं और मुस्लिम समाज में उनकी मजबूत पकड़ थी। ऐसे में मुसलमान बाहुल्य इस सीट पर वोट कांग्रेस और आप के मध्य बंटना तय है जिसका लाभ भाजपा ले जाएगी। इसी प्रकार नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के सामने संदीप दीक्षित को उतार कांग्रेस ने मुकाबला रोचक बना डाला है। यहां से भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को दिकट दे सकती है। आप संकट में है इसकी पुष्टि उसके उन बयानों से हो रही है जिसमें वह कांग्रेस प्रत्याशियों का खर्चा भाजपा द्वारा उठाने का आरोप लगा रही है।
इस बार संकट में ‘आप’
