देश में लगातार तीसरी बार भाजपा शासित सरकार बनने के बाद पार्टी में संगठन के साथ ही भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। असल में पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के सरकार में शामिल होने के बाद यह और भी साफ हो गया है कि पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा। नड्डा का अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल जनवरी में पूरा हो गया था और उनके कार्यकाल को लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिया गया था। ऐसे में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इस दौड़ में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम भी चल रहा था। अब इन दोनों के केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री बनने के बाद पार्टी महासचिव विनोद तावड़े और सुनील बंसल के नाम की चर्चा जोरों पर है। विनोद तावड़े महाराष्ट्र से हैं और राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे बिहार के प्रभारी महासचिव हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। तावड़े ने पार्टी द्वारा लाभार्थियों के लिए चलाए गए खास अभियानों और जन संपर्क कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से कम समय में ही प्रमुखता हासिल कर ली है।
दूसरी तरफ सुनील बंसल एक पार्टी के लिए राज्य महासचिव (संगठन) के रूप में यूपी में अहम भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए। यूपी के बाद बंसल को पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना के प्रभारी महासचिव के रूप में राष्ट्रीय कार्य सौंपा गया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बंसल ने देश भर के कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। बंसल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा जीता है और पार्टी के मामलों को सावधानीपूर्वक संभालने के दावेदार बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा झटका दिया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यहां संगठन की स्थिति कमजोर है। बताया जा रहा है कि चुनाव में भाजपा ने 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा था लेकिन 272 के आंकड़े तक के करीब भी नहीं पहुंच पाई। इसके बाद यह माना जा रहा है कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी संगठन पर ज्यादा ध्यान देगा और जो भी नया अध्यक्ष बनेगा वह उसकी पूरी सहमति से ही बनेगा। ऐसी भी संभावना है कि पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश पूरी होने तक कुछ समय के लिए नड्डा को ही अध्यक्ष पद पर बनाए रखे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके कई लोगों को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली है। माना जा रहा है कि उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछली सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे अनुराग ठाकुर को इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है इसलिए उन्हें संगठन में जगह दी जा सकती है। वह पहले ही भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। इसी तरह स्मृति ईरानी सहित कई नेता अब संगठन में काम करते हुए दिख सकते हैं।