ऑस्टेªलिया दौरा भारतीय क्रिकेटरों के लिए हमेशा से ही यादगार रहता आया है। कामयाबी मिली तो वह क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, क्रिकेट के किंग विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसा सम्मान पाता है। नाकाम रहा तो सीन से यूं गायब होता है जैसे धूप में ओस। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर है जहां उसे पांच मैचों की बार्डर गावस्कर सीरीज खेलनी है। जिसमें से तीन मैच खेले जा चुके हैं। पहले मुकाबले को छोड़ दें तो बाकी के दो में टीम का निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला है। इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि भारत के शेर आखिर आस्ट्रेलिया में क्यों हो रहे हैं ढ़ेर? ये सवाल खासकर ऋषभ पंत, शुभमन गिल, विराट कोहली और टीम के कप्तान रोहित शर्मा के फ्लॉप शो को लेकर ज्यादा उठ रहे हैं
क्रिकेट में बेस्ट खिलाड़ी उसे ही माना जाता है जो टेस्ट फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होते हैं। भारतीय खिलाड़ियों के बारे में कहा जाता है कि जो खिलाड़ी आस्ट्रेलिया में बेहतर खेल दिखने में कामयाब होता है वह लम्बे समय तक क्रिकेट में राज करता है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर है जहां उसे पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज खेलनी है जिसमें से तीन मैच खेले जा चुके हैं। पहले मुकाबले को छोड़ दें तो बाकी के दो में टीम का निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला है। इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि भारत के शेर आस्ट्रेलिया में क्यों हो रहे हैं ढेर? ये सवाल खासकर ऋषभ पंत, शुभमन गिल, विराट कोहली और टीम के कप्तान रोहित शर्मा के फ्लॉप शो को लेकर ज्यादा उठ रहे हैं।
असल में तीन साल पहले की बात हैं जब 2021 ब्रिसबेन में भारतीय टीम ने टेस्ट मैच जीता तो जीत के हीरो बने थे ऋषभ पंत और शुभमन गिल। तब इन दोनों युवा खिलाड़ियों के ऊपर न तो कोई टैग था और न ही कोई उम्मीदों का पिटारा। लेकिन ये दोनों खिलाड़ी चमके और इन्हें भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने वाले चेहरे के तौर पर देखा जाने लगा। मगर अब जब महज तीन साल बाद ये दोनों खिलाड़ी वापस ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो इन दोनों खिलाड़ियों के पास तमाम टैग थे। कोई इनको मैच विनर, कोई सुपर स्टार तो कोई फियरलेस क्रिकेटर का दर्जा दे रहा था। लेकिन जो कुछ इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हो रहा उसने सबकी बोलती बंद कर दी है। शुभमन गिल का गेम प्लान सबको हैरान कर रहा है तो वहीं पंत की बेफिक्री से सभी क्रिकेट प्रेमी और समीक्षक सकते में हैं।
ऑस्ट्रेलिया में पंत का न चल पाना टीम के लिए परेशानी का सबब है। ऋषभ पंत ने 5 पारियों में सिर्फ 96 रन बनाए हैं। उनका 19.20 का औसत है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने उन्हें खूब परेशान कर पिछली 5 पारियों में 3 बार आउट किया है। इससे पहले वह पंत को 1 बार भी आउट नहीं कर पाए थे। बीते कुछ सालों से पंत टेस्ट क्रिकेट में खासकर विदेशी सरजमीं पर भारत के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं। लेकिन आस्ट्रेलिया में अब वे नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं शुभमन गिल पर्थ टेस्ट में अनफिट होने की वजह से खेले नहीं और एडिलेड में खेले तो लगा नहीं कि वो खेल रहे हैं। कुछ वैसा ही हाल ब्रिसबेन में भी देखने को मिला। जबकि 2021 में गिल ने शॉर्ट पिच गेंदबाजी या यूं कहें थ्री क्वाटर लेंथ की गेंदों के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी। तब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उनकी टैक्नीक समझ नहीं कर पाए थे। लेकिन इस बार गिल के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने पूरा होमवर्क किया है। एडिलेड में शुभमन गिल ने जब वापसी की तो मेजबान गेंदबाजों का प्लान तैयार था। गिल एडिलेड में बोल्ड और एलबीडब्ल्यू आउट हुए तो ब्रिसबेन में गिल ओवर पिच गेंद को ड्राइव मारने के चलते गली में पकड़े गए। इससे साफ है कि दोनों टेस्ट में गिल के खिलाफ जो जाल ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बिछाया उसका कोई तोड़ उनके पास नहीं था।
गिल ने अभी तक 3 पारियों में कुल 60 रन बनाए हैं। बात अगर भारत के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा की करें तो रोहित का फॉर्म भी इस समय अच्छा नहीं है। वह ओपनिंग करने की बजाय नंबर 6 पर खेल रहे हैं। वहां भी उनका बल्लेबाजी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। एडिलेड टेस्ट में जहां रोहित ने दोनों पारियों को मिलाकर कुल 9 रन बनाए, वहीं ब्रिसबेन में 10 रन ही बना पाए। रोहित के इस शमर्नाक प्रदर्शन के बाद उनकी कप्तानी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं तो वहीं टीम की रीड कहे जाने वाले विराट कोहली विराट कोहली पर्थ में पहली पारी में फेल हुए थे।
दूसरी पारी में उनके बल्ले से शतक निकला था। इसी के साथ उन्होंने लंबे समय से चले आ रहे शतक के इंतजार को खत्म किया था लेकिन एडिलेड टेस्ट में वह अपने इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके और दोनों परियों में कुल 15 रन ही बना सके। उम्मीद थी कि ब्रिस्बेन में उनका बल्ला चलेगा लेकिन वे यहां भी सिर्फ तीन रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद से कोहली को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल कर एमएस धोनी से सीख लेने की सलाह दी जा रही है। कोहली से कहा जा रहा है कि वह धोनी से सीखते हुए संन्यास ले लें। धोनी ने साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच में ही संन्यास ले लिया था। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, विराट कोहली को धोनी से सीखना चाहिए और टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। बीसीसीआई क्यों ऐसे खिलाड़ियों पर समय बर्बाद करता है जो एक समय महान थे लेकिन अब खत्म हो चुके हैं। वहीं एक और यूजर ने लिखा, ‘विराट कोहली को अगले टेस्ट मैच की पहली पारी में शतक जमाना चाहिए नहीं तो संन्यास ले लेना चाहिए। ‘वहीं एक यूजर ने लिखा, ‘रिटायर हो जाओ और लंदन में रहो।’
पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों और खेल समीक्षकों का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट संयम और धैर्य का खेल है। जबकि पंत ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। यहां परिस्तिथियों के हिसाब से बल्लेबाजी करनी होती है। लेकिन इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों में धैर्य की काफी कमी दिखी है। कोई भी भारतीय बल्लेबाज क्रीज पर समय बिताना ही नहीं चाहता है। टेस्ट क्रिकेट सयंम का खेल होता है। जब तक आप इसमें संयमित होकर नहीं खेलेंगे तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। सभी बल्लेबाज काफी जल्दबाजी में दिखे हैं।
टीम इंडिया के बल्लेबाजों के एप्रोच में भी बदलाव देखने को मिला है। बल्लेबाज तेजी से रन बनाने की तरफ देखते हैं। कोई भी नहीं चाहता है कि वो 100 गेंद खेलकर 25-30 रन बनाए। बल्कि हर खिलाड़ी यही चाहता है कि वो कम से कम गेंदों पर ज्यादा से ज्यादा रन बनाए। सभी बल्लेबाज अटैकिंग एप्रोच के साथ खेलना चाहते हैं और कई बार इस चक्कर में भी खिलाड़ियों ने अपना विकेट गंवाया है। बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ी वजह खराब शॉट सेलेक्शन रही है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भले ही अच्छी बॉलिंग की है लेकिन भारतीय बल्लेबाजों का शॉट सेलेक्शन भी बेहद खराब रहा है। अगर आप ब्रिस्बेन टेस्ट मैच को देखें तो यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जिस गेंद पर आउट हुए वो विकेट वाली गेंद ही नहीं थी। इसी तरह विराट कोहली भी जिस गेंद पर आउट हुए वो विकेट वाली गेंद नहीं थी। कई सारे बल्लेबाज ऐसे रहे हैं जिन्होंने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया दौरा भारतीय क्रिकेटरों के लिए हमेशा ही यादगार रहा है। कामयाबी मिली तो वह क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, क्रिकेट के किंग विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसा सम्मान पाता है। नाकाम रहा तो सीन से यूं गायब होता है जैसे धूप में ओस। वर्ष 2021 ब्रिसबेन में भारतीय टीम ने टेस्ट मैच जीता तो जीत के हीरो बने थे ऋषभ पंत और शुभमन गिल। मगर अब जब महज तीन साल बाद ये दोनों खिलाड़ी वापस ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो इन दोनों खिलाड़ियों के पास तमाम टैग थे। कोई इनको मैच विनर, सुपर स्टार का दर्जा दे रहा था। लेकिन जो कुछ इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हो रहा उसने सबकी बोलती बंद कर दी है तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे के पहले मैच की दूसरी पारी में शानदार 150 से ज्यादा रनों की पारी खेलने वाले यशस्वी जायसवाल और 21 साल के नीतीश कुमार रेड्डी ने पर्थ से अपने टेस्ट करियर की पहली पारी में 41 रन बनाए। यह भारतीय पारी का सर्वाेच्च स्कोर था। नीतीश ने इसके बाद एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में 42-42 रन बनाए जो भारत की ओर से सबसे अधिक रन थे जिसके बाद हर कोई उनका मुरीद हो चला था। उम्मीद की जा रही थी कि जायसवाल और नीतीश तीसरे टेस्ट में अपनी फॉर्म को जारी रखेंगे लेकिन ब्रिस्बेन में जासवाल 4 तो नीतीश 16 रन ही बना पाए। ऐसे में वर्तमान में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में सीनियर बल्लेबाजों के फॉर्म से पहले ही बहुत परेशान है। अब टीम के युवा मैच विनर भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के खिलाफ स्ट्रगल कर रहे हैं जो किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
फिलहाल ब्रिस्बेन टेस्ट मैच हारने से बारिश ने भारत को बचा लिया नहीं तो स्थिति और बुरी हो सकती थी। ऐसे में चौथे मैच में टीम इंडिया में बदलाव हो सकता है। खासकर कप्तानी को लेकर बदलाव की संभावना है। रोहित शर्मा की जगह जसप्रीत बुमराह को कप्तानी मिल सकती है। अगर रोहित बाहर होते हैं तो उनकी जगह धु्रव जुरेल को मौका मिल सकता है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया (ए) के खिलाफ बल्ले से अच्छा खेल दिखाया था। उन्होंने पहली पारी में 186 गेंदों पर 80 रन और दूसरी पारी में 122 गेंदों पर 68 रन बनाए थे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा 26 से 30 दिसम्बर के बीच मैच मेलबर्न में खेला जाएगा। देखना दिलचस्प होगा कि इस मैच में चयनकर्ता किस तरह के बदलाव लाते हैं।