- अली खान
नमांकन पत्रों में असली तथ्यों को छुपाकर चुनाव लड़ना और जनप्रतिनिधि बनकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का एक मामला हरिद्वार जनपद के बेलड़ा गांव से सामने आया है। इसके चलते जनप्रतिनिधि जीजा और साली की कारस्तानी से 10 अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। इस मामले की खोज में अधिवक्ता सचिन वर्मा जुटे थे जिन्होंने सबूतों के आधार पर जीजा साली के प्रधान और जिला पंचायत सदस्य पद को कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने जीजा साली सहित 10 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। याद रहे कि यह वही बेलड़ा गांव है जहां 12 जून 2023 को दलित युवक पंकज की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी गई थी। बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी से कराने के आदेश दिए थे।
अधिवक्ता संजीव कुमार द्वारा दर्ज शिकायत पत्रों के आधार पर हरिद्वार की सीजेएम कोर्ट ने 2022 में बेलड़ा गांव से निर्वाचित ग्राम प्रधान सचिन कुमार व मेहवड खुर्द सीट से जिला पंचायत सदस्य सपना चौधरी पर नामांकन पत्र में तथ्य छुपा कर फर्जी दस्तावेज दाखिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है जिसमें पुलिस ने तत्कालीन खंड विकास अधिकारी ब्लॉक रुड़की, ग्राम रोजगार सेवक सुशील कुमार, मनरेगा जेई रविंद्र कुमार, ग्राम पंचायत बेल्डा के मनरेगा लेखाकार मुनेश कुमार चौहान, निर्वाचित ग्राम प्रधान सचिन रोड पुत्र महेंद्र के साथ ही तत्कालीन लेखपाल अरविंद कुमार सैनी, तत्कालीन तहसीलदार, बाल विकास परियोजना अधिकारी ग्रामीण प्रथम व द्वितीय, खाद्य पूर्ति अधिकारी के साथ ही जिला पंचायत सदस्य सपना चौधरी पत्नी रोहित कुमार, रोहित पुत्र सुशील कुमार, सचिन कुमार पुत्र महेंद्र (ग्राम प्रधान), धर्मवीर पुत्र राजेंद्र, कल्पना पत्नी सचिन कुमार व रितु पत्नी धर्मवीर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका के खिलाफ भी भिन्न- भिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।
अधिवक्ता संजीव वर्मा का कहना है कि मेहवड खुर्द जिला पंचायत सीट से निर्वाचित हुई सपना चौधरी ने नामांकन दस्तावेजों में जिस राशन कार्ड के जरिए खुद को स्थानीय निवासी दर्शाया है वह राशन कार्ड प्रमाणिक नहीं है। साथ ही राशन कार्ड में वर्णित वोटर आईडी संख्या 0220434 में भी ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत होते हैं। इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र 4/08/21, स्थाई निवास प्रमाण पत्र संख्या 8/7/21 को तथा परिवार रजिस्ट्री की नकल आदि कागजात तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी व लेखपाल की मिली भगत से फर्ची व जाली रिपोर्ट के आधार पर जारी किए गए हैं। बकौल वर्मा प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्ट्री की नकल में तथ्यों को छुपाते हुए फर्जी जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र व राशन कार्ड बनाकर धन बल का प्रयोग करते हुए जीत दर्ज की गई, जो हर सूरत में निरस्त होने योग्य है।
इसके अलावा भी अन्य कई गंभीर आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए हैं। बिजली का कनेक्शन सपना चौधरी के नाम पर बेलडा गांव में दर्शाया गया है वह भी जांच में किसी सोमपाल पुत्र मुलहक के नाम पाया गया। संजीव वर्मा का यह भी आरोप है कि ग्राम प्रधान पद के नामांकन दस्तावेजों में जो अदेय प्रमाण पत्र तक तथ्यों को छिपाकर किया गया। जबकि प्रधान रहते हुए सचिन ने पूर्व अधिकारियों से सांठगांठ करके मनरेगा के मस्टररोल में मजदूरों की संख्या अधिक दर्ज कराई गई थी, जिसमें उसे दोषी पाया गया था और उस पर 25,844 का भुगतान करने के साथ ही एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। सचिन ने एक हजार का जुर्माना आज तक जमा नहीं कराया है। इसके साथ ही कई अन्य मामलों में भी प्रधान रहते इस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं जिनकी जांच चल रही है। लाखों करोड़ों का गबन किया गया है। संजीव वर्मा ने प्रधान रहते सचिन पर अवैध तरीकों से संपत्ति बनाने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि जांच यह भी होनी चाहिए कि सचिन के पास 25 बीघा जमीन से 300 बीघा जमीन कैसे हुई। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सचिन द्वारा लगाए गए पेट्रोल पंप में भी रास्ते की जमीन पर अक्रिमण किया गया है। इस मामले में भी वह मुकदमा दर्ज करवाएंगे।

