किसांदू ने कहा था कि पारे के संक्रमण की जांच के लिए खून के नमूने की जांच के लिए भेजा गया है लेकिन तंजानिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि किसी प्रकोप का कोई संकेत नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि अनावश्यक डर पैदा करने के लिए किसांदू को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले किसांदू ने तुर्की की अनादोलू एजेंसी से कहा था कि इसके मरीजों में ज्यादा पुरुष हैं।
तंजानिया में कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्रपति जॉन मागूफुली पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा । उन्होंने दावा किया था कि प्रार्थना की वजह से तंजानिया में कोरोना का प्रकोप रुक गया है। तमाम खतरे के बावजूद इस देश में किसी भी तरह की सावधानी नहीं बरती गई , न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग। यही नहीं हाल ही में कोरोना की वैक्सीन को लेकर भी तंजानिया ने इनकार कर दिया। राष्ट्रपति जॉन मागुफुली कोरोना के खतरे को गंभीरता से लेने को तैयार ही नहीं हैं। अब इस देश में लोग नई रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहा है।
कई लोगों को बुखार, उल्टी और पेट में दर्द
उन्होंने कहा था कि शीर्ष सरकारी दवाई खून और पानी के नमूनों की जांच करेंगे ताकि मरकरी प्रदूषण की जांच की जा सके। किसांदू ने कहा कि ये मौतें इफूम्बो के एक वार्ड में हुई हैं। इस वार्ड में भर्ती मरीजों ने खून की उल्टी की और उनकी मौत हो गई। उधर, तंजानिया के स्वास्थ्य मंत्री डोरोथी ग्वाजिमा ने इस पूरे मामले पर धयान नहीं देने के लिए कहा और किसांदू को लोगों में डर पैदा करने के आरोप में 10 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया।स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल काउंसिल को पूरे मामले की जांच के लिए कहा लेकिन इस दावे को खारिज कर दिया कि इलाके में महामारी फैली है। वर्ष 2018 में भी इस इलाके में इसी तरह की बीमारी फैली थी। कई लोगों को बुखार, उल्टी और पेट में दर्द हुआ था।