‘मनसे’ प्रमुख राज ठाकरे का भाजपा को बिना शर्त समर्थन के फैसले बाद उनकी पार्टी में भगदड़ शुरू हो गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या राज ठाकरे ने बीजेपी को समर्थन देकर गलती कर दी है। पार्टी के महासचिव कीर्ति कुमार शिंदे ने मनसे छोड़ने का ऐलान कर दिया है, उन्होंने महासचिव पद व पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा पार्टी के कई अन्य पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे का ऐलान किया है। मनसे छोड़ने वालों में शामिल पार्टी महासचिव कीर्ति कुमार शिंदे ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि मनसे प्रमुख ठाकरे ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के खिलाफ रुख अपनाया था। अब पांच साल बाद राज साहेब ने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षण में अपनी राजनीतिक भूमिका बदल ली है। राजनीतिक विश्लेषक बताएंगे कि वह कितने गलत हैं और कितने सही। गौरतलब है कि बीते दोनों राज ठाकरे ने अपनी पार्टी की वार्षिक रैली में प्रधानमंत्री मोदी और महायुति गठबंधन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी। जिसके बाद कीर्ति कुमार शिंदे के अलावा मिहिर दावते और मुंबई के बाहरी इलाके डोंबिवली में मनसे की छात्र शाखा के पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा हमने देखा कि राज साहेब के बदलते रुख का सामना करना मुश्किल है और इसलिए अलग होना ही बेहतर है।’ कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चुप है लेकिन वे इस फैसले से खुश नहीं है।

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