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लाल सागर से गुजरने वाली जहाजों पर मंडरा रहा खतरा 

इज़रायल – हमास युद्ध पिछले कई महीनों से लगातार जारी है जो अब और खतरनाक मोड़ लेती जा रही है। यह जंग धीरे- धीरे लाल सागर तक पहुँच गयी है। जहाँ ईरान समर्थक हूती विद्रोही (आतंकी संगठन) लगातार यहाँ से गुजरने वाले इज़रायली व्यापारिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। हालांकि अमेरिका सहित 20 से अधिक देशों ने हूतियों को रोकने के लिए वहां अपने सैन्य बल तैनात कर दिए हैं। इसके बावजूद 26 दिसंबर को एक बार फिर  हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में पाकिस्तान जाने वाले कंटेनर जहाज को निशाना बनाया था।

यह जहाज किंग अब्दुल्ला पोर्ट, सऊदी अरब से कराची बंदरगाह की ओर आ रहा था। इससे पहले  24 दिसंबर को हूती संगठन ने लाल सागर से गुज़र रहे एक और जहाज पर हमला कर दिया था। इस जहाज सम्बन्ध में पहले दावा किया जा रहा था कि इसपर भारत का झंडा लगा हुआ था। परन्तु , भारतीय नौसेना ने इस बात से इनकार किया है। अमेरिका का कहना था कि अमेरिकी सैनिकों को एक साथ दो जहाजों की ओर से हमले से घिरे होने की सूचना मिली। इनमें एक नॉर्वे के झंडे वाला केमिकल टैंकर एमवी ब्लामानेन था। हूतियों का ड्रोन इसे निशाना बनाने से चूक गया। हालांकि, भारत के झंडे वाला एमवी साईबाबा ड्रोन हमले की जद में आ गया।

लाल सागर क्यों है मत्वपूर्ण 

लाल सागर से दुनिया का 40 प्रतिशत व्यापार होता है, जिसपर कई देशों की अर्थव्यवस्था टिकी है। इज़रायल और हमास के युद्ध का असर लाल सागर तक पहुँचने से कई देशों में व्यपार संकट उत्त्पन हो सकता है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस व्यापारिक जलमार्ग पर हूती  विद्रोहियों के हमले से वैश्विक आपूर्ति बाधित हो सकती है। जो कच्चे तेल और अन्य जरूरी उत्पादों के दामों में तेजी से उछाल का कारण बन सकता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉएड ऑस्टिन ने मंगलवार को ये बयान दिया कि पिछले चार सप्ताह के भीतर यमन के हूती विद्रोहियों ने 12 बार या तो कमर्शियल जहाज़ों पर हमले किए हैं या फिर इन पर कब्ज़ा कर लिया है।

जहाजों को निशाना क्यों बना रहे हूती विद्रोहियों

हूती संगठन जो इजरायल के विरोधी हैं वे कथित तौर पर इजरायली जहाजों को ही अपना निशाना बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार हूती सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर. एसोसिएटेड प्रेस ने जनरल याह्या साड़ी के हवाले से कहा है कि हूती विद्रोही इजरायली जहाजों को लाल सागर में जाने से तब तक रोकना चाहता है जब तक इजरायल गाजा पट्टी पर उनके समर्थक देश के खिलाफ हमलों को बंद नहीं कर देता। जिसके लिए हूती विद्रोहियों के लाल सागर में लगातार मिसाइल और ड्रोन से जहाजों पर हमले कर रहे हैं।

    लाल सागर
बीबीसी की एक रिपोर्ट  के अनुसार नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर जिस कार्गो शिप को इसराइल का जहाज मान कर अपने कब्जे में लिया था। उसपर इसराइल का कहना है कि ये जहाज़ इजराइल का नहीं था और न ही उस जहाज को कोई क्रू सदस्य इसराइली था। इसके बाद दिसंबर की शुरुआत में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। जो इजरायल ही नहीं अन्य देशों के लिए भी संकट का कारण बनता जा रहा है। जिसमें अमेरिका व भारत सहित कई देश शामिल हैं।  विद्रोहियों  के इस बढ़ते हमलों  को देख दुनिया की कई शिपिंग कंपनियां अपनी जहाजों लाल सागर से हटा रही हैं जिसमें सबसे बड़ी मालवाहक कंपनी, मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी भी शामिल है।

अमेरिका सहित कई देश मुकाबले के लिए तैयार 

अमरीका के प्रतिरक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन ने गुरुवार यानि 21 दिसंबर को लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर लगातार हो रहे हमलों के विषय में कहा कि यमन के हूती विद्रोहियों को करारा जवाब देने के लिए अब 20 से अधिक देश अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं। गौरतलब है कि इज़रायल – हमास युद्ध पिछले कई महीनों से लगातार जारी है जो अब और खतरनाक मोड़ लेती जा रही है। यह जंग धीरे- धीरे लाल सागर तक पहुँच गयी है। जहाँ ईरान समर्थक हूती विद्रोही (आतंकी संगठन) लगातार यहाँ से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। लाल सागर से दुनिया का 40 प्रतिशत व्यापार होता है, जिसपर कई देशों की अर्थव्यवस्था टिकी है।
इज़रायल और हमास के युद्ध का असर लाल सागर तक पहुँचने से कई देशों में व्यपार संकट उत्त्पन हो सकता है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस व्यापारिक जलमार्ग पर हूती  विद्रोहियों के हमले से वैश्विक आपूर्ति बाधित हो सकती है। जो कच्चे तेल और अन्य जरूरी उत्पादों के दामों में तेजी से उछाल का कारण बन सकता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉएड ऑस्टिन ने मंगलवार को ये बयान दिया कि पिछले चार सप्ताह के भीतर यमन के हूती विद्रोहियों ने 12 बार या तो कमर्शियल जहाज़ों पर हमले किए हैं या फिर इन पर कब्ज़ा कर लिया है।

कौन हैं हूती विद्रोही

हूती विद्रोही यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक आतंकी संगठन है। वर्ष 1990 में इस संगठन की स्थापना तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह द्वारा की गयी थी। साल 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हुए हमले का हूती विद्रोहियों ने जमकर विरोध किया। उन्होंने नारा भी दिया कि, ईश्वर महान है। अमेरिका का खात्मा हो, इसराइल का खात्मा हो। यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की विजय हो। इसके बाद हूती विद्रोहियों ने अपने आपको हमास और हिज़्बुल्लाह का समर्थक सिद्ध करते हैं और इजरायल, अमेरिका और पश्चिमी देशों का विरोध करते हैं।

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