पिछले कुछ वर्षों से देश में कम उम्र में ही महिलाएं स्तन कैंसर की शिकार हो रही हैं। ताजा मामला टेलीविजन सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में अक्षरा का और ‘कसौटी जिंदगी में’ कोमोलिका का किरदार निभाने वाली हिना खान का है जो इस बीमारी से पीड़ित हैं। हिना अभी महज 36 साल की हैं। ऐसे में सवाल है कि कम उम्र की महिलाएं इस जानलेवा बीमारी का शिकार क्यों हो रही हैं? कई शोधकर्ता और इस मामले के जानकार कहते हैं कि यह बीमारी वैश्विक स्तर पर तो चिंता का कारण बनी ही हुई है। लेकिन भारत स्तन कैंसर का राजधानी बनने की ओर जाता नजर आ रहा है
भारत सहित पूरी दुनिया में अब कम उम्र में ही महिलाएं स्तन कैंसर की शिकार हो रही हैं। ताजा मामला टेलीविजन सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में अक्षरा का और ‘कसौटी जिंदगी में’ कोमोलिका का किरदार निभाने वाली हिना खान का है जो इस बीमारी से पीड़ित हैं। उनका स्तन कैंसर तीसरे स्तर पर पहुंच चुका है। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के माधियम से दी है। हिना खान अभी महज 36 साल की हैं। हालांकि यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई अभिनेत्री और आम महिलाएं इसका शिकार हो चुकी हैं और अब आलम यह है कि इसकी रफ्तार दिन दूनी रात चौगुनी से बढ़ रही है।
ऐसे में सवाल है कि कम उम्र की महिलाएं इस जानलेवा बीमारी का शिकार क्यों हो रही हैं? क्या कारण हैं जिससे स्तन कैंसर इतनी तेजी से फैल रहा है। कई शोधकर्ता और इस मामले के जानकार कहते हैं कि यह बीमारी वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बनी हुई है। लेकिन भारत में आलम यह है भारत स्तन कैंसर का कैपिटल बनने की ओर जाता नजर आ रहा है। कुछ महीने पहले विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 के अवसर पर अपोलो हॉस्पिटल्स की ‘हेल्थ ऑफ नेशन’ रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत को दुनिया का कैंसर कैपिटल यानी कैंसर की राजधानी कहा गया है। रिपोर्ट में भारतीय महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर स्तन कैंसर को बताया गया है, इसके बाद सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बताई गई और हर साल महिलाओं में इसकी घटनाओं में लगभग 4 फीसदी का इजाफा पाया गया।
यही नहीं कुछ महीने पहले जारी हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल पुरुषों में लंग्स और महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले ज्यादा आ रहे हैं। एक दशक पहले तक इस कैंसर के अधिकतर मामले 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में आते थे, लेकिन अब ये कम उम्र की महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहा है। अप्रैल 2023 तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई कैंसर रिसर्च एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर के मामलों में सबसे आम है। साथ ही ये दुनियाभर में कैंसर से होने वाली महिलाओं की सबसे ज्यादा मौतों का कारण भी है। विश्व स्तर पर देखें तो लगभग 12 फीसदी महिलाएं अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर की शिकार होती हैं। भारत की बात करें तो हमारे देश में स्तन कैंसर के मामले पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़े हैं।
भारतीय महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला स्तन कैंसर है। जहां हर साल लगभग इसके 1.5 से 2 लाख नए मामले सामने आते हैं वहीं मृत्यु दर पर नजर डालें तो स्तन कैंसर से हर साल लगभग 25 प्रतिशत महिलाओं की मौत हो जाती है। दुनियाभर में साल 2020 में स्तन कैंसर से 6 लाख 85 हजार महिलाओं की मौतें हुईं थीं, वहीं अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल स्तन कैंसर से लगभग 10 लाख मौतें दर्ज की जा रही हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या आज भी वही है कि इसके मरीज आखिरी स्टेज में सामने आते हैं। ऐसे में मरीज की जान बचाना डॉक्टरों के लिए चुनौती बन जाती है। कई मामलों में मरीज की मौत भी हो जाती है। कैंसर की पहचान देरी से होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को इसके लक्षणों की जानकारी नहीं होती है। कई मामलों में पहचान के बाद भी इलाज में देरी हो जाती है। आर्थिक कमजोरी और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाये न होने के कारण भी महिला और पुरुष दोनों के मामलों में ऐसा हो जाता है।
क्यों हो रहीं कम उम्र की महिलाएं स्तन कैंसर का शिकार
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ और कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमान कुमार बताते हैं कि महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले खासकर भारत में ज्यादा बढ़ रहे हैं। बीते एक दशक में इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। खराब खानपान, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल, स्लीप पैटर्न बिगड़ना, देरी से शादी करना और शरीर पर बढ़ता मोटापा महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ने का बड़ा कारण है।
इसका एक कारण यह भी है कि लड़कियां फास्ट फूड ज्यादा खाती हैं। लड़कियों में स्मोकिंग और शराब के सेवन की लत बढ़ रही है। सोशल मीडिया के दौर में सोने और जागने का समय भी ठीक नहीं है। ये सभी फैक्टर कम उम्र में स्तन कैंसर होने का कारण बन रहे हैं।
किन महिलाओं को ज्यादा खतरा
शौधकर्ता बताते हैं कि स्तन कैंसर जेनेटिक भी होता है। यह कैंसर एक से दूसरी पीढ़ी में भी जा सकता है। बीआरसीए 1 या बीएससी 2 जीन के कारण ऐसा होता है। जिन महिलाओं में यह कैंसर होता है उनसे दूसरी पीढ़ी में भी जाने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में अगर किसी महिला के परिवार में पहले कभी स्तन कैंसर रहा है तो उनको अपनी सभी जांच करानी चाहिए। एक्स-रेअल्ट्रासाउंड और मैमोग्राम से इस कैंसर की पहचान की जाती है। अगर इनमें कैंसर का संदेह लगता है तो फिर बायोप्सी भी की जा सकती है। गौरतलब है कि विश्वभर में स्तन कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश में कुछ समय पहले तक ये बीमारी बुढ़ापे में होने वाली मानी जाती थी। लेकिन अब ये युवा महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर में से एक है जो महिलाओं में होता है। यह तब होता है जब शरीर में कैंसर कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और टयूूमर बन जाता है। स्तन कैंसर के लगभग 80 फीसदी मामले आक्रामक होते हैं, जिसका अर्थ है कि टयूमर आपके स्तन से आपके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। हिना खान से पहले भी कई अभिनेत्रियां स्तन कैंसर से जूझ चुकी हैं।
बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी और फिल्ममेकर ताहिरा कश्यप इस बीमारी से पीड़ित हो चुकी हैं। 90 के दशक की मशहूर अदाकारा महिमा चौधरी भी स्तन कैंसर से पीड़ित पाई गई थीं। इसके अलावा मुमताज को 2002 में 52 साल की उम्र में पता चला कि वह स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें छह कीमोथेरेपी और 35 रेडिएशन ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ा। साऊथ फिल्मों की अभिनेत्री हम्सा नंदिनी को 2021 में तीसरे स्टेज के स्तन कैंसर का पता चला था,उन्हें पहले टयूमर था जिसे हटाने के लिए सर्जरी हुई। टेस्ट में फिर उनके कैंसर की पुष्टि हुई। महीनों के इलाज के बाद वह ठीक हुईं। अब यह बीमारी शहरों और गांवों की महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
रिएलिटी शो ‘बिग बॉस’ के ग्यारहवें सीजन का हिस्सा रह चुकी हैं। हिना की उम्र अभी 36 साल है। ये बीमारी चालीस साल से कम उम्र की महिलाओं में तेजी से अब पैर पसारने लगी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलाजी विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर एसवीएस देव के अनुसार पिछले दस से पंद्रह साल में युवा महिलाओं में कैंसर के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। स्तन कैंसर ज्यादातर उन महिलाओं को हो रहा है जिनकी उम्र 40 साल या उससे कम है। इनमें सबसे कम उम्र की महिलाएं 20 से 30 साल की हैं जिनमें स्तन कैंसर पाया जा रहा है। एक रिपोर्ट में डॉक्टर एसवीएस देव ने बताया कि सबसे कम उम्र की श्रेणी में दो से तीन प्रतिशत कैंसर के मामले आते हैं। युवा श्रेणी की महिलाओं में ये मामले 15 प्रतिशत हैं। 40-45 साल की उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच जाते हैं और 44 से 50 साल की महिलाओं में ऐसे मामले 16 प्रतिशत पाए जाते हैं। साल 2022 में करीब 2.17 लाख महिलाओं को स्तन कैंसर हुआ था।
स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन कैंसर के आम लक्षणों में से एक स्तन में गांठ पड़ना है। ऐसे में डॉक्टर सलाह देते हैं कि यदि स्तन में किसी प्रकार की गांठ महसूस होती है तो तुरंत मेडिकल जांच करवानी चाहिए। स्तन में एक प्रकार की सूजन और दर्द भी इसका एक लक्षण है। ऐसे में महिलाओं को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और उन्हें सचेत हो जाना चाहिए। इसके अलावा स्तन की त्वचा में किसी प्रकार का परिवर्तन दिखाई दे जैसे जलन, लाल पड़ना या त्वचा का सख्त होना, त्वचा की बनावट में बदलाव दिखना या फिर ऐसा महसूस करना जैसे त्वचा गीली हो। अगर निप्पल से रिसाव होता पदार्थ निकलता दिखे, अंदर की तरफ धंसता दिखे या दर्द हो रहा हो तो डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहिए।
कई बार युवा महिलाओं में कैंसर के ये लक्षण पहचानने में चुनौतियां भी आती हैं जैसे लक्षण ठीक से महसूस नहीं हो पाते, छोटे टयूमर का पता नहीं चल पाता और कई बार मेमोग्राफी में भी पता नहीं चल पाता। लेकिन अगर स्तन में किसी तरह के बदलाव या कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। कुछ कारक स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं जिनमें बढ़ती उम्र, मोटापा, शराब का हानिकारक उपयोग, स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास, विकिरण जोखिम का इतिहास, प्रजनन इतिहास (जैसे कि मासिक धर्म शुरू होने की उम्र और पहली गर्भावस्था की उम्र), तंबाकू का उपयोग और रजोनिवृत्ति के बाद हार्माेन थेरेपी शामिल हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।